
Mohamed Muizzu and Xi Jinping
भारत (India) और मालदीव (Maldives) के बीच चल रहा विवाद जगजाहिर है और किसी से छिपा नहीं है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने जानबूझकर भारत से पंगा लेने के लिए 'इंडिया आउट' अभियान चलाया जिसके तहत मालदीव से भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने का एजेंडा बनाया। 10 मई तक भारतीय सैनिक मालदीव से बाहर निकलेंगे, जिनकी जगह भारत का ही योग्य टेक्निकल स्टाफ लेगा। इतना ही नहीं, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लक्षद्वीप (Lakshadweep) दौरे और लक्षद्वीप का प्रचार करने पर मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारतीयों के बारे में विवादित टिप्पणी दी थी। हालांकि बाद में तीनों मंत्रियों को निष्कासित करना पड़ा, पर फिर भी मुइज्जू ने इस मामले पर मंत्रियों की टिप्पणियों का विरोध नहीं किया। हालांकि भारत से विवाद के चलते मालदीव ने चीन (China) से नज़दीकियाँ बढ़ानी शुरू कर दी हैं। इसी के चलते हाल ही में दोनों देशों के बीच एक डील भी हुई है।
मिलिट्री असिस्टेंस डील
मालदीव ने हाल ही में चीन के साथ मिलिट्री असिस्टेंस डील की है। इस बात की जानकारी मालदीव के रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई है।
चीन करेगा मालदीव की मदद
मालदीव और चीन के बीच हुई मिलिट्री असिस्टेंस डील के तहत मालदीव को चीन की तरफ से सैन्य मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इस सैन्य मदद के बारे में अभी सभी जानकारी सामने नहीं आई है।
संबंध होंगे मज़बूत
मालदीव के रक्षा मंत्रालय के अनुसार मिलिट्री असिस्टेंस डील से दोनों देशों के बीच संबंध भी मज़बूत होंगे। मालदीव की तरफ से इस बात की भी जानकारी दी गई है कि इस डील के लिए उन्हें कुछ भी भुगतान नहीं करना पड़ा।
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Published on:
05 Mar 2024 02:59 pm
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