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14 लाख रियाल का हुआ 1 डॉलर, अचानक क्यों बढ़ गई कीमत? ईरान में भारी बवाल के बाद सारे कामकाज-व्यापार ठप

ईरान में फिर से विरोध प्रदर्शन भड़क उठे हैं, इस बार रियाल की गिरती कीमत ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है। तेहरान के बाजार से लेकर विश्वविद्यालयों तक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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भारत

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Mukul Kumar

Dec 31, 2025

ईरान में सड़कों पर उतरे लोग। (फोटो- The Washington Post)

ईरान एक बार फिर बड़े पैमाने पर नागरिक अशांति और विरोध प्रदर्शनों की आग में झुलस रहा है। इसे पिछले तीन वर्षों में इसे सबसे बड़ा और व्यापक जन-आक्रोश माना जा रहा है, जिसने तेहरान के ग्रैंड बाजार से लेकर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों तक को अपनी चपेट में ले लिया है।

सिर्फ तेहरान ही नहीं, देश के कई बड़े शहरों में बाजार तक बंद करने पड़ गए और इसका कारण है- ईरान की करेंसी रियाल का डॉलर के मुकाबले नीचे बेहद नीचे गिरना।

महंगाई दर 42.2 प्रतिशत तक पहुंच गई

ईरानी रियाल की कीमत अमरीकी डॉलर के मुकाबले 14 लाख 45 हजार के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है और महंगाई दर 42.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिसमें खाद्य पदार्थों की कीमतें 72 प्रतिशत बढ़ गई हैं।

जिसके बाद पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। सेंट्रल ईरान के इस्फहान, दक्षिण के शिराज और उत्तरपूर्व के मशहद समेत कई बड़े शहरों में भी रैलियां और जुलूस निकाले गए।

तेहरान के कुछ हिस्सों में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन तेज होते गए, शासन के रुख में नरमी भी नजर आई है। ईरानी सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख ने भी प्रदर्शनकारियों की बात सुने जाने की अपील की है।

विश्वविद्यालय बने विरोध के केंद्र, गूंजे 'तानाशाह की मौत' के नारे

प्रदर्शन के तीसरे दिन तेहरान के प्रमुख विश्वविद्यालय—तेहरान यूनिवर्सिटी, शरीफ और शहीद बेहेश्ती—विरोध के मुख्य केंद्र बनकर उभरे हैं।

तेहरान यूनिवर्सिटी के छात्रों ने न केवल सड़कों पर उतरने का आह्वान किया, बल्कि सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के प्रतिनिधि कार्यालय का साइनबोर्ड तक उखाड़ फेंका।

सड़कों पर एक बार फिर 'तानाशाह की मौत', मुल्लाओं को देश छोड़ना होगा और 'आजादी' के नारे गूंज रहे हैं, जो सीधे तौर पर देश के सर्वोच्च नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं।

सत्ता के स्वर में बदलाव: झुकी सरकार

  • बढ़ते दबाव के बीच ईरानी प्रशासन के सुरों में पहली बार नरमी और चिंता का मिश्रण देखा जा रहा है। राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया में गृह मंत्री को प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करने का निर्देश दिया है।
  • सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख मोहम्मद जाफर मोंताजेरी ने एक अप्रत्याशित बयान में कहा है कि जनता की वैध और कानूनी आवाज को सुना जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
  • सरकारी मोहजेरानी ने भी स्वीकार किया है कि प्रदर्शन तीव्र आर्थिक दबाव का प्रतिबिंब हैं और संविधान के तहत शांतिपूर्ण सभा को मान्यता दी जानी चाहिए।

ईरान में अचानक क्यों बढ़ गई डॉलर की कीमत?

ईरान में डॉलर की कीमत अचानक बढ़ने की कई वजहें हैं। सबसे बड़ा कारण है अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध, जो ईरान की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहे हैं। तेल निर्यात पर रोक, बैंकिंग सिस्टम पर सीमाएं और विदेशी निवेश में कमी ने डॉलर की उपलब्धता घटा दी है, जिससे उसकी कीमत बढ़ गई है।

इसके अलावा, ईरान में महंगाई और कमजोर अर्थव्यवस्था भी एक बड़ा कारण है। रोजमर्रा की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे लोगों का रियाल पर भरोसा कम हो रहा है। अनौपचारिक बाजार में अफवाहें और सट्टेबाजी भी डॉलर की कीमत बढ़ाने में भूमिका निभा रही हैं।