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Martial Law In Ukriane: यूक्रेन में लगा मार्शन लॉ, जानिए सेना के पास क्या होते हैं अधिकार और कौन करता है इसकी घोषणा

Published: Feb 24, 2022 12:14:31 pm

रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ चुकी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला कर दिया। इसके साथ ही दूसरे देशों को भी चेतावनी दे डाली कि कोई बीच में आया अंजाम बुरा होगा। इस बीच कीव एयरपोर्ट खाली करवाया गया है। वहीं यूक्रेन में भी मार्शल लॉ ( What is Martial Law ) का ऐलान किया गया है।

Martial Law In Ukriane When Any Country Impose It and who can declare

Martial Law In Ukriane When Any Country Impose It and who can declare

रूस और यूक्रेन के बीच बीते कुछ दिनों से तनातनी थी, जो आखिरकार जंग में तब्दील हो गई। गुरुवार सुबह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में ‘सैन्य अभियान’ की घोषणा कर दी। उन्होंने यूक्रेन की सेना से हथियार डालने का आह्वान किया। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में हमारी योजनाओं में यूक्रेन के क्षेत्र पर कब्जा करना शामिल नहीं है। वहीं रूसी हमले के बाद कीव एयरपोर्ट खाली करवा दिया गया है। इसके साथ ही यूक्रेन में मार्शल लॉ ( Martial Law In Ukriane ) का ऐलान कर दिया गया है। जानते हैं क्या होता है मार्शल लॉ, कब क्या जाता है लागू और सेना के पास इसको लेकर क्या होते हैं अधिकारी?

मार्शल लॉ क्या है (What is Martial Law)

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान यूक्रेन में मार्शन लॉ लागू किया गया है। दर्सल यह ऐसा कानून है, जिसके तहत देश में या देश के किसी भी क्षेत्र में सेना को यह अधिकार मिलता है, कि वह उस स्थान पर शासन और नियंत्रण करे। सरकार की ओर से ये अधिकारी सेना को दिया जाता है। इस कानून को हम सैनिक कानून के नाम से जानते हैं।

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जब किसी देश की न्याय व्यवस्था सेना या सैन्य बल के पास चली जाती है, तो उस समय जो कानून लागू होता है वह मार्शल लॉ कहलाता है। आम तौर पर हम यह कह सकते हैं मार्शल लॉ का मतलब है उस स्थान पर नागरिक सरकार का कानून का मौजूद न होना।

https://twitter.com/maxseddon/status/1496710056343220225?ref_src=twsrc%5Etfw

कब कोई देश मार्शल लॉ लागू करता है?

मार्शल लॉ की घोषणा उस वक्त की जाती है, जब देश में नागरिक अशांति या राष्ट्रीय परेशानी या युद्ध की स्थिति जैसी आपातकालीन स्थिति आती है।

उस समय नागरिक सरकार की ओर से निर्णय लेना कठिन हो जाता है। सभी निर्णय सेना की ओर से लिए जाते हैं। यही नहीं उस क्षेत्र को भी सेना की ओर से टेकओवर कर लिया जाता है।

देश के हर हिस्से लागू हो ऐसा जरूरी नहीं

मार्शल लॉ में ये जरूरी नहीं कि ये देश के हर हिस्से में लागू हो। यह किसी विशिष्ट क्षेत्र में भी लगाया जा सकता है। इस कानून को लागू करने का मतलब यह नहीं है, कि युद्ध की शुरुआत होगी, बल्कि यह वह है जिसमे आम नागरिकों की वर्तमान व्यवस्था को हटाकर उस स्थान पर मिलिट्री नियम लागू होता है।

इन हालातों में भी लगता है मार्शल लॉ

कई बार तख्ता पलट हो जाने पर या कोई बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा आ जाने पर भी मार्शल लॉ लगाना बहुत जरुरी हो जाता है।
https://twitter.com/TeddyAsscracker/status/1496727401614696450?ref_src=twsrc%5Etfw

सेना के पास अधिकार

– सेना प्रभावित स्थान पर कर्फ्यू लगा सकती है। इसका उल्लंघन करने वालों को तुरंत गिरफ्तार भी करने का अधिकार

-मार्शल लॉ के दौरान सेना के पास अधिकार है कि वे प्रभावित इलाकों में स्वतंत्रत आंदोलन, स्वतंत्र भाषण या अनुचित खोजों से सुरक्षा आदि को निलंबित कर दें।

– न्याय प्रणाली जोकि आमतौर पर अपराधिक और नागरिक कानून के मुद्दों को संभालती है, उसे सैन्य ट्रिब्यूनल जैसे सैन्य न्याय प्रणाली के साथ रिप्लेस कर दिया जाता है

– सेना को यह अधिकार मिल जाता है कि वह किसी को भी जेल में डाल कर उसको मार भी सकती है।

– सेना को बिना किसी का सहारा लेने की संभावना के अनिश्चित काल तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की इजाजत दे दी जाती है

– सेना की ओर से मिलिट्री कोर्ट खोले जाते हैं, जहां किसी भी समय अपराधी को नोटिस देकर कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया जाता है।

– यदि कोई इस कानून के विरोध में आवाज उठाता है तो उसे भी इस कोर्ट में पेश होना पड़ता है और उस पर भी कार्यवाही होती है

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