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Omicron के खतरे के बीच अब Covid के संपर्क में आते ही चमकने लगेगा मास्क, वैज्ञानिकों ने खास तकनीक से किया तैयार

Omicron के बढ़ते खतरे के बीच वैज्ञानिकों ने खास तरह का मास्क तैयार किया है। इस मास्क से ना सिर्फ आप आसानी कोविड-19 की जांच कर सकेंगे बल्कि Covid19 के संपर्क में आते ही ये चमकने लगाता है। मास्क पर ऑस्ट्रिच एंटीबॉडीज फिल्टर की एक परत चढ़ी हुई है, जो कोरोना वायरस को टारगेट करती है।

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Dheeraj Sharma

Dec 14, 2021

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) संकट के बीच भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन वैरिएंट ( Omicron Variant ) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इस खतरे के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। दरअसल कोविड-19 के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए वैक्सीनेशन, सैनिटाइजर और मास्क ( Face Mask ) को बड़ा हथियार माना जा रहा है। इस बीच वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मास्क तैयार किया है जो Covid19 के संपर्क में आते ही चमकने लगेगा।

दरअसल ये आविष्कार जापान के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने एक ऐसा मास्क बनाया है जो कोविड टेस्ट भी कर पाएगा और अगर मास्क पहनने वाले को कोविड हुआ तो मास्क पर एक लाइट चमकेगी, जिससे बीमारी को कन्फर्म किया जा सकेगा।

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इस तकनीक पर आधारित है मास्क
वैज्ञानिकों के जिस मास्क को कोविड के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है उसे ऑस्ट्रिच एंटीबॉडीज का इस्तेमाल करके बनाया गया है। मास्क पर ऑस्ट्रिच एंटीबॉडीज फिल्टर की एक परत चढ़ी हुई है, जो कोरोना वायरस को टारगेट करती है। ऑस्ट्रिच सेल्स में ऐसी एंटीबॉडीज होती हैं जो कोरोना वायरस को एक साथ लेकर आती हैं।

ये मास्क उस रिसर्च पर आधारित हैं, जिसमें यह पाया गया था कि पक्षियों में एक मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है।

शुतुरमुर्ग के अंडों का इस्तेमाल
मास्क क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और डाक्टर ऑफ वेटरिनरी मेडिसिन यासुहिरो त्सुकामोटो के नेतृत्व में इस खास मास्क को तैयार किया गया है। टीम के मुताबिक इसमें शुतुरमुर्ग के अंडों का इस्तेमाल किया गया है। वैज्ञानिकों की मानें तो हम कम लागत पर शुतुरमुर्ग से बड़े पैमाने पर एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकते हैं।

ऐसे करेगा काम
इस मास्क को पहनने भर से इंसान का कोविड टेस्ट हो जाएगा। इस मास्क को पहनकर जब लोग सांस छोड़ेंगे तो अगर उसमें कोविड वायरस हुआ, तो मास्क पर एक चमकीली लाइट दिखाई देगी, जिससे ये कन्फर्म किया जा सकेगा कि इंसान को कोविड है।

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जब मास्क पहनने वाला व्यक्ति इसे उतारता है, तो इसपर ऑस्ट्रिच सेल्स की एंटीबॉडीज को स्प्रे किया जाता है और फिर इसे यूवी रेज के सामने रखा जाता है। अगर मास्क के सर्फेस पर कोरोना वायरस होगा, तो मास्क पर एक लाइट चमकती दिखाई देगी। आप चाहें तो यूवी रेज की जगह अपने स्मार्टफोन की एलईडी लाइट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस मास्क को लेकर इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि इनसे कोरोना की किफायती होम टेस्टिंग को बढ़ावा मिलेगा।