
Maia Sandu
मोल्दोवा (Moldova) यूरोप (Europe) में एक छोटा सा देश है। 2021 की जनगणना के अनुसार मोल्दोवा की जनसंख्या सिर्फ 26.2 लाख थी। कुछ दिन पहले ही मोल्दोवा ने फ्रांस के साथ रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों ने डिफेंस कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) और मोल्दोवा की राष्ट्रपति माइया सैंडू (Maia Sandu) के बीच हुआ और इस समझौते का मोल्दोवा को सैन्य नज़रिए से काफी फायदा मिलेगा। फ्रांस भी पूरी तरह से मोल्दोवा की रक्षा के साथ ही मदद करने के लिए भी दृढ़ निश्चयी है। इसी बीच इसी साल मोल्दोवा में एक और बड़ा फैसला लिया जा सकता है जिससे उनके देश को और फायदा मिलेगा। यह उनके देश के यूरोपीय यूनियन (European Union - EU) में शामिल होने से संबंधित है।
यूरोपीय यूनियन में शामिल होने के लिए मोल्दोवा में होगा जनमत संग्रह
माइया ने इस बात का ऐलान कर दिया है कि इस साल मोल्दोवा में जनमत संग्रह होगा। इस जनमत संग्रह का लक्ष्य मोल्दोवा की जनता से उनके देश के यूरोपीय यूनियन में शामिल होने के फैसले पर उनका मत लिया जाएगा।
मोल्दोवा क्यों बनना चाहता है यूरोपीय यूनियन का सदस्य?
मोल्दोवा के यूरोपीय यूनियन में शामिल होने की इच्छा के पीछे वही वजह है जो उसके फ्रांस के साथ रक्षा समझौता करने के पीछे है। माइया जानती है कि उनके देश को रूस (Russia) से खतरा है। मोल्दोवा की बॉर्डर रोमानिया (Romania) के साथ ही यूक्रेन (Ukraine) से लगती है और इस वजह से उनके अनुसार मोल्दोवा को भी रूस से खतरा है। इसलिए अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए माइया मोल्दोवा को यूरोपीय यूनियन का सदस्य बनाना चाहती हैं। मोल्दोवा की सुरक्षा के लिए ही फ्रांस के साथ रक्षा समझौता किया गया है।
यह भी पढ़ें- पंजाबी शख्स ने कनाडा में की अपनी पत्नी की हत्या, वीडियो कॉल पर माँ के सामने किया खुलासा
Published on:
19 Mar 2024 04:10 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
