
इन चार बलूच छात्रों का अपहरण हुआ। (फोटो: एएनआई.)
Baloch Student Abduction: पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में एक गंभीर घटना सामने आई है। सिंध कृषि विश्वविद्यालय के छात्रावास से चार बलूच छात्रों का अचानक अपहरण (Baloch student abduction) हो गया है। ये छात्र हाल ही में टांडो जाम स्थित कृषि विभाग की पढ़ाई के लिए आए थे। बताया जा रहा है कि बुधवार को पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने अचानक विश्वविद्यालय के छात्रावास में घुसकर चार बलूच छात्रों को जबरन (University student disappearance) उठा लिया। छात्रों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है और उन्हें कहां रखा गया है, ये पूरी तरह से अज्ञात (Forced disappearance Pakistan) है। अपहरण किए गए छात्रों की पहचान इमरान, आफताब, मेहरुल्लाह और शोएब के रूप में हुई है। ये सभी बलूचिस्तान के विभिन्न इलाकों से ताल्लुक रखते हैं। इमरान, आफताब और मेहरुल्लाह खुजदार जिले के रहने वाले हैं, जबकि शोएब सुरब का निवासी है। उनके परिवारों को भी अभी तक उनकी कोई खबर नहीं मिली है।
बलूचिस्तान में लगातार जबरन गायब किए जाने की घटनाओं को लेकर मानवाधिकार संगठन और स्थानीय समूह काफी चिंतित हैं। बलूच नेशनल मूवमेंट के अनुसार, 2025 की शुरुआत से अब तक 785 लोग गुमशुदा हो चुके हैं, जिनमें ज्यादातर छात्र और युवा हैं। यह संख्या चिंता पैदा करने वाली है।
जबरन गुमशुदगी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस मामले पर चिंता जताई है। संगठन ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वे लापता लोगों के बारे में स्पष्ट जानकारी दें और इस अमानवीय प्रथा को रोकें।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भी जबरन गायब किए जाने की घटनाओं पर चिंता जताई है। आयोग ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से लोगों और सरकार के बीच भरोसा खत्म हो रहा है। साथ ही, कानून व्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
लापता छात्रों के परिवारों में गहरी बेचैनी है, लेकिन अब तक अधिकारियों की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। यह चुप्पी इस बात को दर्शाती है कि जबरन गायब किए जाने के मामले में जिम्मेदारों को पकड़ने या सजा देने में कोई रूचि नहीं दिख रही।
बलूचिस्तान में यह पहली बार नहीं है जब लोग अचानक गायब हुए हों। यह क्षेत्र लंबे समय से राजनीतिक और सुरक्षा समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे हालात में जबरन गायब किए जाने की घटनाएं और भी ज्यादा भय और अनिश्चितता पैदा करती हैं।
यह घटना न केवल छात्रों और उनके परिवारों के लिए बहुत ही चिंताजनक है, बल्कि मानवाधिकारों की दृष्टि से भी एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। जबरन गायब किए जाने की इस प्रथा से न केवल पीड़ितों का भविष्य अंधकारमय होता है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में डर और अविश्वास फैलता है। सरकार की चुप्पी इस मामले को और भी जटिल बना रही है।
यह मामला बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रही जबरन गायब किए जाने की घटनाओं की एक कड़ी है, जो क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता और मानवाधिकार हनन की स्थिति को दर्शाता है। साथ ही, इस घटना ने छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा की स्वतंत्रता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ी है।
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Updated on:
04 Sept 2025 02:55 pm
Published on:
04 Sept 2025 02:54 pm
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