
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन (फोटो-IANS)
Nepal Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित कई इलाके आंदोलन की आग में जल रहे हैं। आंदोलनकारियों ने सोमवार को राजधानी काठामांडू की सड़कों पर कोहराम मचाया। पुलिस की फायरिंग में 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए। आज काठमांडू में कर्फ्यू लगा दी गई है। पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। हर संवेदनशील स्थान पर बड़ी संख्या में पुलिसबलों को तैनात किया गया है, जो हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो।
सोमवार को जिस जगह से पथराव किया गया था, उस जगह को पूरी तरह बंद कर दिया गया है और वहां पर बड़ी संख्या में पुलिसबलों को तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा, उस जगह पर आम लोगों के आवागमन पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। हथियारों से लैस पुलिस यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि किसी भी सूरत में स्थिति तनावग्रस्त नहीं हो।
इसके साथ ही, दुकानों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। सभी हिंसाग्रस्त इलाकों में दुकानें बंद हैं। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी प्रशासन की ओर से जारी किए गए निर्देशों की अवहेलना न करे। पुलिस ने सड़क पर पड़े सभी पत्थर हटा दिए हैं, ताकि किसी भी प्रकार से स्थिति तनावग्रस्त नहीं हो।
पुलिस के रवैये की कई स्थानीय लोगों ने आईएएनएस से बातचीत में निंदा की। उन्होंने इसे लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला बताया और कहा कि पुलिस इस प्रकार के दमनकारी रवैयों का सहारा लेकर युवाओं के विरोध-प्रदर्शन को नहीं दबा सकती है। निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि हमारे देश के युवा वाजिब मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। यह दुख की बात है कि बल प्रयोग कर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। अगर सरकार ऐसा करेगी, तो देश का भविष्य अंधकारमय होगा।
उन्होंने कहा कि हम सोच रहे थे कि युवाओं का प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो जाएगा। किसी को कुछ नहीं होगा। यह हमें जानकर बहुत दुख हो रहा है कि इस प्रदर्शन को हिंसा ने अपनी चपेट में ले लिया है। हमारे कई बच्चे घायल हो गए, जिनका अभी अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिसवालों ने हमारे युवाओं को मारा है। किसी भी देश में ऐसा नहीं होता है। इस देश में मानवाधिकार आयोग है। हमारे युवा आज देश के लिए सड़क पर हैं। उनके साथ हिंसात्मक रवैया किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
कई राजनीतिक घरानों के बच्चे मौजूदा समय में विदेश में लग्जरी लाइफ जी रहे हैं। लेकिन, हमारे जैसे मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार कर रही है, उन्हें देश के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। वो लोग देश के हितों को ताक पर रखने पर आमादा हो चुके हैं।
नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। ओली ने कहा कि सरकार शुरुआत से ही युवाओं की मांगों को सुन रही थी और उनके प्रति कोई नकारात्मक रुख नहीं था, लेकिन प्रदर्शन में बाहरी तत्वों की घुसपैठ ने स्थिति को बिगाड़ दिया। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास था कि हमारे बेटे-बेटियां अपनी मांगें शांतिपूर्वक रखेंगे, लेकिन विभिन्न निहित स्वार्थी तत्वों की घुसपैठ के कारण एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई जिसमें नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। सरकार जेन-जेड पीढ़ी की ओर से उठाई गई मांगों के प्रति उदासीन नहीं थी। हम उनकी आवाज सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि जांच समिति 15 दिनों के भीतर हिंसा और प्रदर्शन को लेकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
Updated on:
09 Sept 2025 12:09 pm
Published on:
09 Sept 2025 11:40 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
