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नेपाल में सियासी भूचाल: तख्तापलट के हालात पर भारत की पैनी और चीन की तिरछी नजर, जानिए ताजा हालात

Nepal Political Crisis:नेपाल में ओली के इस्तीफे के बाद सत्ता संकट गहराता जा रहा है। तख्तापलट जैसी स्थिति बन गई है और भारत हालात पर पैनी नजर रखे हुए है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 09, 2025

नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी (फोटो-आईएएनएस)

Nepal Political Crisis: नेपाल इस समय एक बड़े राजनीतिक संकट (Nepal Political Crisis) से गुजर रहा है। युवाओं के आंदोलन, 22 जनों की मौत और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे (PM Oli Resignation) के बाद हालात और बिगड़ते (Coup in Nepal) जा रहे हैं। पूरे देश में जनआक्रोश अपने चरम पर है, खासकर युवाओं के नेतृत्व में हो रहे विरोध प्रदर्शन अब तख्तापलट जैसे हालात बना चुके हैं। इस बीच भारत सरकार पूरी स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है। क्योंकि नेपाल केवल पड़ोसी नहीं, बल्कि भारत के लिए (india on Nepal Unrest) सामरिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद अहम देश है। नेपाल में तनाव की शुरुआत तब हुई जब सरकार ने एक साथ कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया। यह फैसला Gen-Z यानी युवा वर्ग (Gen Z Protest Nepal) को नागवार गुज़रा। सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कहने वाले युवाओं ने सड़कों पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।

आंदोलन अब हिंसा में तब्दील हो चुका

बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों को लेकर शुरू हुआ यह आंदोलन अब हिंसा में तब्दील हो चुका है। सरकारी इमारतें, मंत्रियों के घर और यहां तक कि संसद भवन तक पर हमला हुआ है।

ओली का इस्तीफा और सत्ता का शून्य

लगातार बढ़ते दबाव और 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद सरकार बिखरी सी नज़र आ रही है और सत्ता का कोई स्पष्ट विकल्प अभी सामने नहीं आया है। यह स्थिति एक संवैधानिक संकट की ओर इशारा करती है।

भारत की रणनीतिक चिंता

नेपाल में उठे इस भूचाल को भारत बेहद गंभीरता से देख रहा है। दोनों देशों के बीच न केवल खुली सीमा है, बल्कि लाखों नेपाली भारत में काम करते हैं। ऐसे में वहां की अस्थिरता भारत की सुरक्षा, आर्थिक हितों और कूटनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।

भारत सरकार ने बयान जारी कर कहा है:

"हम नेपाल में बदलते घटनाक्रम पर लगातार नजर रखे हुए हैं। हमारी प्राथमिकता वहां की शांति, स्थिरता और लोकतंत्र की रक्षा है।"

चीन की बढ़ती दिलचस्पी भी खतरे की घंटी

नेपाल में सत्ता की कमजोरी का फायदा उठाने के लिए चीन लंबे समय से प्रयासरत है। अगर मौजूदा हालात और बिगड़े, तो चीन अपनी घुसपैठ तेज कर सकता है। भारत के लिए यह सबसे बड़ा रणनीतिक सिरदर्द हो सकता है।

भारत की रणनीतिक चिंता

नेपाल में उठे इस भूचाल को भारत बेहद गंभीरता से देख रहा है। दोनों देशों के बीच न केवल खुली सीमा है, बल्कि लाखों नेपाली भारत में काम करते हैं। ऐसे में वहां की अस्थिरता भारत की सुरक्षा, आर्थिक हितों और कूटनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है।

भारत सरकार ने बयान जारी कर कहा है

"हम नेपाल में बदलते घटनाक्रम पर लगातार नजर रखे हुए हैं। हमारी प्राथमिकता वहां की शांति, स्थिरता और लोकतंत्र की रक्षा है।"

भारत पर तख्तापलट के संभावित प्रभाव

सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा का खतरा बढ़ सकता है।

व्यापार और ट्रांजिट सेवाओं पर असर।

शरणार्थियों की संख्या में इज़ाफा

नेपाल की जनता में भारत के प्रति भावना प्रभावित हो सकती है।

क्षेत्रीय अस्थिरता का लाभ उठाकर चीन अपना प्रभाव बढ़ा सकता है।

गहरे सामाजिक और राजनीतिक असंतुलन का संकेत

बहरहाल नेपाल के मौजूदा हालात किसी एक सरकार की नाकामी नहीं, बल्कि गहरे सामाजिक और राजनीतिक असंतुलन का संकेत हैं। भारत को इस समय संयम, समझदारी और सक्रिय कूटनीति से काम लेने की जरूरत है। इस भूचाल का असर सीमाओं से बाहर तक महसूस किया जाएगा, इसलिए हर कदम फूंक-फूंक कर उठाना होगा।