
Netherlands NRI Dr. Ritu Sharma Nannan Pandey
NRI Writer Dr. Ritu Sharma Nannan Pandey: भारत से बाहर भी एक भारत है और यह है प्रवासी भारतीयों का आत्मीयता से लबरेज उनके मन में बसा भारत। प्रवासी भारतीय जिस देश में भी गए, उस देश को अपनाने के साथ-साथ उन्होंने वहां भारतीय भाषा और संस्कृति का भी प्रचार किया है।
नीदरलैंड (Netherlands) में रह कर भारत का नाम रोशन करने वाली नई दिल्ली से ताल्लुक रखने वाली ऐसी ही एक प्रतिष्ठित प्रवासी भारतीय साहित्यकार (NRI Writer) हैं डॉ. ऋतु शर्मा नंनन पांडे (Dr. Ritu Sharma Nannan Pandey)। एनआरआई स्पेशल (NRI Special) सीरीज के तहत इस बार हमने सीधे नीदरलैंड से उनसे बात की।
अपनी कलम से लेखन का जादू जगाने वाली डॉ ऋतु शर्मा नंनन पांडे का 9 फ़रवरी को नई दिल्ली में जन्म हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. हिन्दी करने के बाद कोटा विश्वविद्यालय से एम.ए व “जनसंचार एवं पत्रकारिता” में पी.एच.डी की और शिक्षा के साथ ही “भारतीय अनुवाद परिषद्” बंगाली मार्केट से अनुवाद का स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया।
उन्होंने सन 1997 से लेकर 2004 तक दिल्ली दूरदर्शन के साहित्यिक कार्यक्रम “पत्रिका” की संचालिका के रूप में कार्य करते हुए 2000-2003 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के खालसा कालेज में “ जनसंचार व पत्रकारिता “विषय की प्राध्यापिका पद पर सेवाएं दीं। सन 2003 में प्रवासी भारतीय डॉ दिनेश नंनन पांडे से विवाह के बाद वे सन 2004 से स्थाई रूप से नीदरलैंड में रह रही हैं।
डॉ. ऋतु शर्मा नंनन पांडे नीदरलैंड में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलैंड की अध्यक्ष,हिन्दी परिषद नीदरलैंड में संयोजिका, लघुकथा वैश्विक संस्थान ह्यूसेन,यू.एस.ए. की संपादक के रूप में सक्रिय हैं। वे 2017 से नीदरलैंड के आसन शहर के टाउन हाल की परामर्श समिति की सदस्य भी हैं। उनकी अनुवाद की कई पुस्तकें व काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। जिनमें फ़्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता जॉन पॉल सात्र का नाटक नो एक्ज़िट का “ बंद रास्तों के बीच “ NSD दिल्ली के पाठ्यक्रम में शामिल हैं ।
उनकी सद्य प्रकाशित पुस्तकें , जानवरों का जानी दुश्मन,नीदरलैंड की लोक कथाएँ व वैश्विक काव्य संग्रह इंदौर के पुस्तकालय के उत्कृष्ट लेखन के कृति कुसुम सम्मान से सम्मानित व रजिस्टर्ड हैं। वे नीदरलैंड की लोक कथाएँ श्री नगर विश्वविद्यालय शोध केंद्र व गिनादेवी शोध केंद्र की ओर से “ अनुवाद भूषण “ सम्मान से भी सम्मानित हैं। उनके लेख ,संस्मरण कहानियां और कविताएँ कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं । उन्हें कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
Updated on:
29 May 2024 06:08 pm
Published on:
29 May 2024 05:53 pm
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