
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)
चीन की सरकार ने इस हफ्ते एक नई ऑनलाइन मुहिम की घोषणा की है। इसका लक्ष्य इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही निराशा और नकारात्मकता को रोकना है।
दो महीने तक चलने यह अभियान चलेगा। देश के साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट पर कार्रवाई की जाएगी जो नकारात्मक और निराशावादी भावनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं। अधिकारियों का दावा है कि यह कदम एक सभ्य ऑनलाइन माहौल बनाने के लिए उठाया गया है।
हालांकि, विशेषज्ञ कहते हैं कि चीन की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ गई है। रियल एस्टेट संकट, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और कॉलेजों-नौकरियों में प्रवेश के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा ने नई पीढ़ी को निराशा कर दिया है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नहीं चाहती कि लोग असमानता पर खुले तौर पर चर्चा करें। सरकार चाहती है कि ऑनलाइन माहौल आशावादी दिखाई दे, लेकिन असलियत यह है कि युवा पीढ़ी दबाव में है।
सरकार की यह मुहिम सिर्फ लोगों तक सीमित नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी अब जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी कि शाओहोंगशु, कुआईशो और वीबो जैसे लोकप्रिय ऐप्स पर सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि ये नकारात्मक कंटेंट को रोकने में विफल रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने फिर चीन के इंटरनेट पर सेंसरशिप और आजादी के बीच की खींचतान को उजागर कर दिया है।
चीन में कई प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं। Weibo ट्विटर जैसा माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, जबकि WeChat एक बहु-कार्यात्मक मैसेजिंग ऐप है। Douyin (टिकटॉक का चीनी संस्करण) और Bilibili वीडियो सामग्री के लिए लोकप्रिय हैं।
Xiaohongshu (Little Red Book) एक लाइफस्टाइल और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है। QQ एक इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन है। इन प्लेटफार्मों का उपयोग संचार, मनोरंजन, शिक्षा और व्यवसाय के लिए किया जाता है। ये प्लेटफॉर्म चीन में बहुत लोकप्रिय हैं और लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा हैं।
Published on:
27 Sept 2025 08:04 am
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