
Nimisha Priya (Image Source: Patrika)
केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन फिलहाल इसपर रोक लगा दी गई है। उनके परिवार और चाहनेवालों के लिए यह बड़ी राहत वाली खबर है। हालांकि, अब किस तारीख पर उन्हें फांसी दी जाएगी, इसके बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है।
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिल पाई है कि यमन के अधिकारियों ने निमिषा की फांसी पर रोक लगाई है। भारत सरकार ने निमिषा की फांसी को रुकवाने के लिए हर तरह का प्रयास किया।
सुप्रीम कोर्ट में भी अटॉर्नी जनरल ने बताया था कि भारत सरकार ने निमिषा को फांसी से बचाने के लिए यमन में मृतक के परिवार को ब्लड मनी के रूप में 8।5 करोड़ रुपये तक देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने पैसे लेने से इनकार कर दिया। उनकी तरफ से कहा गया कि यह सम्मान की बात है।
अब भारत सरकार के प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि भारत के अधिकारी यमन में वहां के जेल अधिकारियों और अभियोजक ऑफिस के साथ संपर्क में हैं। इस मामले को गंभीर रूप से देख रहे हैं।
केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेनगोडे की एक नर्स निमिषा प्रिया 2008 में अपने माता-पिता का भरण-पोषण करने यमन चली गई थी। उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और अंततः अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया।
2017 में, उनके और उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच पैसों को लेकर विवाद हो गया था। परिवार के लोगों ने बताया कि निमिषा ने कथित तौर पर महदी को अपना जब्त पासपोर्ट वापस पाने के लिए बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था।
दुर्भाग्य से, ज्यादा मात्रा में दवा लेने से उसकी मौत हो गई। उसे देश से भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया और 2018 में उसे हत्या का दोषी ठहराया गया।
2020 में, वहां की एक निचली अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई और यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में इस फैसले को बरकरार रखा, हालांकि उसे बचाने के लिए अभी भी ब्लडमनी का विकल्प खुला है।
Updated on:
15 Jul 2025 02:16 pm
Published on:
15 Jul 2025 02:01 pm
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