
India tariffs: अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) का दावा गलत निकला है। भारत ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उसने अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करने के लिए कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह दावा किया था कि भारत ( India) ने "अपने शुल्क (India tariffs) को काफी नीचे लाने" पर सहमति जताई है। ध्यान रहे कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के कुछ ही हफ्तों में, वैश्विक व्यापार में भारी उथल-पुथल मच चुकी है। ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर प्रतिशोधी शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो अगले महीने से लागू होंगे। उन्होंने भारतीय "विशाल शुल्कों" पर एक बार फिर से कड़ी टिप्पणी की और कहा कि "भारत में किसी भी चीज़ को बेचना लगभग प्रतिबंधित है।"
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "उन्होंने, वैसे, यह स्वीकार किया है कि वे अपना शुल्क काफी नीचे लाना चाहते हैं, क्योंकि अब कोई उन्हें उनके किए गए कामों के बारे में बता रहा है, लेकिन भारत सरकार ने एक संसदीय पैनल से कहा कि "इस मुद्दे पर अमेरिका से कोई प्रतिबद्धता नहीं की गई है। सरकार ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर "सितंबर तक समय मांगा गया है" ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति के बार-बार उठाए जा रहे इस मुद्दे पर बात की किया जा सके।
भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने कहा, "भारत और अमेरिका एक पारस्परिक लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें तत्काल शुल्क समायोजन के बजाय दीर्घकालिक व्यापार सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।" गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने पिछले महीने व्हाइट हाउस का दौरा किया था, ने ट्रंप के साथ अपने रिश्ते को विशेष बताया और कहा कि दोनों देशों की सरकारों के बीच एक "पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते" पर काम किया जाएगा, जो "बहुत जल्द" पूरा होगा।
भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्र के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका एक महत्वपूर्ण बाजार है, और वाशिंगटन ने हाल के वर्षों में भारत को अरबों डॉलर मूल्य के सैन्य हार्डवेयर की बिक्री की है। इस बीच, ट्रंप इस वर्ष भारत का दौरा कर सकते हैं, जहां ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुखों का समिट आयोजित हो सकता है।
Updated on:
11 Mar 2025 01:51 pm
Published on:
11 Mar 2025 01:44 pm
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