
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की। (फोटो- IANS)
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की अलास्का पहल के बाद भी रूस- यूक्रेन में शांति की राह दूर की कौड़ी नजर आ रही है। ऐसे में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की ओर शांति की उम्मीद से देख रहे हैं।
रविवार को यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में पत्रकारों से यूक्रेनी राजदूत ओलेक्सांद पोलिशचुक ने कहा है कि दोनों देश जेलेंस्की की भारत यात्रा के लिए तारीख पर सहमति बनाने में जुटे हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन ऐतिहासिक है क्योंकि एक साल पहले इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन यात्रा के दौरान जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण तथा शांति प्रयासों में मदद का वचन दिया था।
पोलिशचुक ने कहा है कि रूस - यूक्रेन संघर्ष समाप्त करने में भारत सक्रिय भूमिका निभाए। इस बीच यूक्रेन ने रविवार को रूस के कुर्क क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर ड्रोन हमला किया, जिससे उस्त लुगा ईंधन टर्मिनल में आग लग गई।
यूक्रेनी राजदूत का बयान ऐसे समय में आया है जबकि ट्रंप ने कहा है कि जेलेंस्की - पुतिन को मिलवाना तेल और विनेगर को मिलाने जितना कठिन है। ट्रंप के बयान के बीच मीडिया में कहा गया है कि अमरीका ने यूक्रेन को 3000 क्रूज मिसाइलों की बिक्री की अनुमति दी है।
जेलेंस्की की भारत यात्रा की चर्चा ऐसे समय सामने आई है जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसी साल भारत आ रहे हैं।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी पेंस ने रविवार को कहा कि भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाए गए हैं ताकि रूस पर दबाव बने। अगर अमेरिका नए प्रतिबंध नहीं लगाता तो रूस पर दबाव कैसे बनेगा।
इसी वजह से ट्रंप ने आक्रामक कदम उठाए हैं भारत पर सेकेंडरी टैरिफ इसी रणनीति का हिस्सा है, ताकि रूस को
तेल कमाई से समृद्ध होने से रोका जा सके।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि शांति समझौते के बीच में पश्चिम देश टांग अड़ा रहे हैं। जेलेंस्की का बिना एजेंडे बैठक की बात करना चालबाजी है।
Updated on:
25 Aug 2025 12:30 pm
Published on:
25 Aug 2025 11:29 am
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