7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उत्तर कोरिया में जबरदस्त खाद्यान्न संकट, तानाशाह का फरमान- अगले 4 साल तक लोग सिर्फ एक वक्त खाना खाएं, जानिए क्यों ऐसी स्थिति बनी

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश में खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए तुगलकी फरमान जारी किया है। तानाशाह ने इस संकट का ठोस हल निकालने के बजाय जनता से कहा है कि वे रोज एक वक्त खाना खाएं। यह स्थिति तब है जब वहां पहले से ही बुजुर्गों और बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। देश की ज्यादातर जनसंख्या कुपोषण का शिकार है।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Oct 29, 2021

food_crisis.jpg

नई दिल्ली।

उत्तर कोरिया इन दिनों जबरदस्त रूप से खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है। हालात यह है कि वहां भूखमरी की नौबत आ गई है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश में खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए तुगलकी फरमान जारी किया है। तानाशाह ने इस संकट का ठोस हल निकालने के बजाय जनता से कहा है कि वे रोज एक वक्त खाना खाएं। यह स्थिति तब है जब वहां पहले से ही बुजुर्गों और बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। देश की ज्यादातर जनसंख्या कुपोषण का शिकार है।

भूखमरी से निपटने की जगह खतरनाक मिसाइलें हासिल करने में जुटे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम-जोंग उन आर्थिक मोर्चे पर दाने-दाने को मोहताज हैं। इसके कारण तानाशाह ने लोगों को वर्ष 2025 तक ‘कम भोजन’ करने का आदेश दिया है।

यह भी पढ़ें:- फ्रांस और ब्रिटेन में बढ़ी तनातनी, एक दूसरे के जहाज रोकने की धमकी, जानिए वैश्विक कारोबार पर क्या होगा असर

देश में बढ़ते खाद्य संकट की समस्या को जटिल होने को लेकर किम जोंग ने कई कारण गिनाए हैं। किम ने कहा कि आपूर्ति बाधित होने और कृषि क्षेत्र में लक्ष्य के अनुरूप उत्पादन नहीं होने से देश में खाद्य संकट गहरा गया है। इससे देश में अनाज और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं।

इस साल भारी बारिश ने भी फसल को चौपट करने का काम किया। हालात की गंभीरता को भांपते हुए सत्ताधारी वर्कर पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने बैठक करके हालात पर मंथन किया है। इसके पहले अप्रैल को भी किम जोंग ने अधिकारियों से कहा था कि जनता को मुश्किलों से थोड़ी राहत देने के लिए फिर से एक 'मुश्किल मार्च' शरू करें। इस वाक्यांश का इस्तेमाल उत्तर कोरिया में 90 के दशक में किया गया था जब देश भारी अकाल से जूझ रहा था। इसमें करीब 30 लाख लोगों की मौत हुई थी। तब सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्तर कोरिया को मदद मिलनी बंद हो गई थी।

यह भी पढ़ें:-प्रधानमंत्री मोदी आज पांच दिवसीय इटली और ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना हुए, पोप फ्रांसिस से भी करेंगे मुलाकात, जानिए क्या है पूरा कार्यक्रम

तानाशाह की टीम से जुड़े एक स्रोत के मुताबिक किम ने यह भी साफ कर दिया है कि खाद्य संकट वर्ष 2025 तक जारी रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर कोरिया और चीन के बीच सीमापार व्यापार के अगले चार साल में शुरू होने की संभावना बहुत कम है।

उत्तर कोरिया में खाद्यान्न संकट की प्रमुख वजह महामारी के कारण लॉकडाउन जैसे अन्य कड़े कदम से आपूर्ति बाधित हुई। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण उत्तर कोरिया का बाकी दुनिया से कट जाना भी प्रमुख कारण है। इसके अलावा, पिछले साल आए चक्रवाती तूफान का भी कृषि क्षेत्र पर असर पड़ा है।
अर्थव्यवस्था के लिए चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना भी एक प्रमुख वजह है।