
Nostradamus Prediction
Nostradamus prediction: बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत आ गई हैं और अब उनके भारत से ब्रिटेन जाने की खबरें आ रही है हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। दूसरी तरफ बांग्लादेश में सेना अंतरिम सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं बांग्लादेश में अब आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों के प्रधानमंत्री आवास से लेकर राष्ट्रपति भवन तक कब्जा जमाने की अजीबोगरीब तस्वीर सामने आ रही हैं जिसमें लोग बेहद आपत्तिजनक और भद्दे तरीके से प्रधानमंत्री आवास में आराम फरमाते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के कपड़ों को सबके सामने प्रदर्शित करने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। यह तस्वीर बिल्कुल वैसे ही हैं जैसी साल 2022 में श्रीलंका में तख्तापलट के दौरान सामने आई थी और अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दौरान।
बांग्लादेश में अब जो भी हालत बना रहे हैं उसे नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल नास्त्रेदमस ने अपनी पुस्तकों में 2024 में एशिया को लेकर के कई भविष्यवाणी की हैं। जिसमें अब बांग्लादेश का हालिया घटनाक्रम भविष्यवाणी के मुताबिक ही सच होता दिखाई दे रहा है। ऐसे में अब हर कोई यह जानना चाहता है कि नास्त्रेदमस ने आखिर एशिया को लेकर ऐसी क्या भविष्यवाणी की थी जो बांग्लादेश के हालातो से मिलते-जुलती दिखाई दे रही हैं।
फ्रांस के चिकित्सक और प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने 2024 के लिए भविष्यवाणी की थी कि इस साल एशिया समेत यूरोप के कई देशों में गृह युद्ध जैसे हालात बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कई देशों में विद्रोह होंगे और यह सत्ता परिवर्तन या गृह युद्ध के हालात पैदा करेंगे। देखा जाए तो बांग्लादेश में बीते दिन जो कुछ भी हुआ वह आंतरिक विद्रोह से पैदा हुए हालात थे जो अब गृह युद्ध का रूप ले रहे हैं। इसी का नतीजा था कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और भारत आना पड़ा इसके बाद अब बांग्लादेश में जो हालात है वह पूरी दुनिया के सामने है।
दरअसल बांग्लादेश में बीते एक महीने से आरक्षण में कोटा सिस्टम के खिलाफ छात्र हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। ये छात्र 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए लड़े गए संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरी का कोटा खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इस कोटा में महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए सरकारी नौकरियां भी आरक्षित है। साथ ही बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के परिवार के सदस्यों को भी नौकरी दी जाती है। साल 2018 में इस सिस्टम को निलंबित कर दिया गया था जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे। लेकिन पिछले महीने बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने एक फैसला दिया था जिसके मुताबिक 1971 के दिग्गजों के आश्रितों के लिए 30% कोटा बहाल करना था।
प्रदर्शनकारी छात्र इस कोटा के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए 6% कोटा का तो समर्थन कर रहे हैं लेकिन वो ये नहीं चाहते कि इसका लाभ 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दिग्गजों के परिवार के सदस्यों को मिले। इसलिए इस फैसले का विरोध शुरू हो गया जो अब भीषण हिंसा में बदल चुका है।
Updated on:
07 Aug 2024 10:23 am
Published on:
06 Aug 2024 04:18 pm
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