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अपने वतन लौटे एक NRI के कमेंट से सोशल मीडिया पर मचा बवाल! भारत के लिए कही बड़ी बात

NRI India Return Challenges: एक एनआरआई ने भारत लौटने के बाद अपने कड़वे अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किए, जिससे ऑनलाइन बहस छिड़ गई।

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भारत

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MI Zahir

Aug 23, 2025

NRI India Return Challenges

भारत लौटने के बाद यहां के हालात देख कर अफसोस करता एक एनआरआई। (सांकेतिक फोटो: CHATGPT AI.)

NRI India Return Challenges: आई लव माय इंडिया, वतन मेरा इंडिया, गगन मेरा इंडिया ।अपनी धरती अपने वतन लौटना हर एनआरआई का सपना होता है, लेकिन भावनाओं और रिश्तों के अलावा कडवे अनुभवों की जमीनी खुरदरी हकीकत भारत लौटने पर उन्हें बुरा अनुभव कराती है ।भारत लौटने के बाद यहां के हालात देख कर एक एनआरआई ( NRI News) को कुछ ऐसा ही एहसास हुआ। एक प्रवासी भारतीय (NRI return challenges) ने भारत लौटने के बाद अपने कड़वे अनुभव (Life in India after abroad) रेडिट पर शेयर किए, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बन चुके हैं। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े इस शख्स ने भारत की सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक समस्याओं को पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। NRI ने स्वीकार किया कि भारत में पारिवारिक संबंध, संस्कृति और कुछ मामलों में सस्ता जीवन उसे आकर्षित करता है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग विदेशों में सुव्यवस्थित और जवाबदेह व्यवस्था के आदी हो चुके हैं, उनके लिए भारत में रहना एक "संघर्षमय अनुभव" (NRI struggles in India) हो सकता है।

स्वास्थ्य व्यवस्था ने झकझोर कर रख दिया

कोविड-19 के दौरान ICU में भर्ती के लिए उन्हें सात दिन अस्पताल के गलियारे में बिताने पड़े। डॉक्टर का कहना था कि बिस्तर तभी मिलेगा, जब कोई मरेगा। नकली दवाएं, महंगे बिल और अनावश्यक इलाज जैसी बातें इस अनुभव को और कड़वा बनाती हैं।

वित्तीय नुकसान और पछतावा

NRI ने बताया कि उन्होंने अमेरिका में अपना घर 11.7 करोड़ रुपये में बेचा, लेकिन दो साल बाद उसकी कीमत 25.05 करोड़ रुपये हो गई। भारत लाए गए लगभग 5 करोड़ 1 लाख रुपये भी 'लग्जरी लाइफ' के लिए नाकाफी साबित हुए। उन्होंने कहा कि NRI के लिए भारत में संतोषजनक जीवन जीने के लिए कम से कम 16.7 करोड़ रुपये की ज़रूरत होगी।

ट्रैफिक और बुनियादी ढांचे ने परेशान किया

ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, गड्ढों से भरी सड़कों, बारिश में जलभराव और बार-बार खुदाई जैसी समस्याएं उन्हें असहनीय लगीं। उन्होंने कहा, "यहाँ हर सफर एक ज़िंदगी की जंग जैसा है।"

प्रॉपर्टी घोटाले और 'मिनी माफिया'

फर्ज़ी ज़मीन के दस्तावेज, अवैध बिक्री और अपार्टमेंट एसोसिएशनों की मनमानी – ये सभी उनके अनुभव का हिस्सा रहे। उन्होंने चेताया कि संपत्ति खरीदना यहां कानूनी उलझनों और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।

खाद्य मिलावट और प्रदूषण की मार

नकली चावल, मिलावटी काजू और अस्वास्थ्यकर फूड डिलीवरी का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां का वातावरण कई बार 'साँस लेने लायक' नहीं होता। साथ ही उन्होंने मेडिकल माफिया और नकली दवाओं का भी मुद्दा उठाया।

स्कूल फीस और नेताओं के उपद्रव पर सवाल

उन्होंने स्कूलों की अत्यधिक फीस, नशीले पदार्थों की उपलब्धता और नेताओं के अवैध कारोबार पर भी सवाल खड़े किए। उनका मानना है कि आम लोगों के अधिकारों और सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता।

भारत अच्छा, बस 'सच का दूसरा पक्ष'​दिखाया

उन्होंने यह साफ किया कि उनका मकसद भारत को बदनाम करना नहीं, बल्कि एक संतुलित दृष्टिकोण देना है – जिसमें 'घर वापसी' के आकर्षक विचारों के पीछे की एक सच्चाई भी शामिल है।