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Operation Sindhu: जंग के बीच ईरान और इज़राइल से 1700 से ज्यादा नागरिकों की वतन वापसी, भारत का बड़ा कदम

Operation Sindhu Evacuation: भारत सरकार के ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक ईरान और इज़राइल से 1700+ भारतीयों की सुरक्षित निकासी की गई है।

भारत

MI Zahir

Jun 23, 2025

Operation Sindhu Evacuation

Operation Sindhu Evacuation: इजराइल ईरान जंग के चलते भारतीय विदेश मंत्रालय के अंतर्गत चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu) के तहत अब तक 1,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को ईरान (Indian evacuation from Iran) और इज़राइल (Indians rescued from Israel) से सुरक्षित निकाला गया है। यह विशेष अभियान दोनों देशों में चल रहे संघर्षों के मद्देनज़र उन भारतीयों को बचाने के लिए शुरू किया गया था, जो इन देशों में फंसे हुए थे। भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्य करते हुए एयरलिफ्ट ऑपरेशन (MEA emergency flight) चलाए हैं और कई देशों से संपर्क स्थापित किया है।

इज़राइल से भारतीय नागरिकों की वापसी

इज़राइल में हमास और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष के कारण भारतीय नागरिकों की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बन गई थी। भारतीय नागरिकों को इज़राइल से निकालने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की। पहले बैच में 4,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को विशेष एयरलिफ्ट फ्लाइट्स के माध्यम से भारत वापस लाया गया।

इजराइल वॉर जोन से 162 भारतीय सुरक्षित रूप से जॉर्डन पहुंचे

इन नागरिकों में अधिकतर संख्या छात्रों और श्रमिकों की थी, जो इज़राइल में काम या अध्ययन कर रहे थे। भारतीय दूतावास ने युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का काम किया। एयरलाइंस के साथ समन्वय करते हुए, भारतीय नागरिकों को तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट से विशेष विमानों के जरिए भारत भेजा गया। इनके अलावा इजराइल वॉर जोन से 162 भारतीय सुरक्षित रूप से जॉर्डन पहुंच गए हैं, जिन्हें जल्द दिल्ली लाया जाएगा। इनके अलावा बताया जा रहा है कि इजराइल से जॉर्डन पहुंचने वाले भारतीय को अम्मान से भारत वापस लाया जाएगा, जबकि 200 से अधिक लोगों के साथ भारतीयों के एक और जत्थे के कल तक जॉर्डन पहुंचने की उम्मीद है, जहां से उन्हें भारत लाने की तैयारी की जा रही है।

ईरान से भारतीय नागरिकों की वापसी

इज़राइल के अलावा, ईरान में भी भारतीय नागरिकों के लिए संकटपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई थी। ईरान में फंसे भारतीयों की मदद के लिए भारतीय दूतावास ने ऑपरेशन सिंधु के तहत सहायता प्रदान की। 285 भारतीय नागरिकों का एक और जत्था, जो ईरान के माशद से था, नई दिल्ली के लिए विशेष उड़ान से पहुंचा। अब तक 1,713 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा चुका है और अगले कुछ दिनों में 2-3 और विशेष उड़ानें निर्धारित की गई हैं।

सभी नागरिकों से हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने के लिए कहा

भारतीय दूतावास ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को स्थानीय संघर्ष क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर भेजने में मदद की और सभी नागरिकों को संबंधित 24/7 हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करने के लिए कहा। दूतावास ने इन नागरिकों को सलाह दी है कि वे इन हेल्पलाइन नंबरों के जरिए अपनी स्थिति की जानकारी दें और सुरक्षित निकासी का अनुरोध करें।

ऑपरेशन सिंधु के अंतर्गत वतन वापसी की प्रक्रिया

विशेष फ्लाइट्स का संचालन: भारतीय नागरिकों को तेल अवीव और माशद से विशेष चार्टर फ्लाइट्स के माध्यम से भारत लाया गया। भारतीय एयरलाइंस, खासकर एयर इंडिया ने इन उड़ानों का संचालन किया।

सुरक्षित स्थानों की ओर शिफ्टिंग: भारत सरकार ने भारतीय दूतावास के माध्यम से नागरिकों को संकटग्रस्त इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम किया।

वाट्सएप और हेल्पलाइन सेवा: भारतीय नागरिकों के लिए विशेष व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर और ईमेल सेवाएं भी शुरू की गईंं, ताकि वे आसानी से संपर्क कर सकें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

ईरान और इज़राइल में हेल्पलाइन नंबर:

ईरान (तेहरान) दूतावास के हेल्पलाइन नंबर:

+98 9128109115, +98 9128109109

व्हाट्सएप नंबर: +98 901044557, +98 9015993320, +91 8086871709

ईमेल: cons.tehran@mea.gov.in

भारत (नई दिल्ली) कंट्रोल रूम हेल्पलाइन नंबर:

800118797 (टोल-फ्री)

+91-11-23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905

व्हाट्सएप नंबर: +91-9968291988

ईमेल: situationroom@mea.gov.in

सरकार की तरफ से विशेष कदम

भारत सरकार ने इन आपातकालीन परिस्थितियों में अपनी प्रतिक्रिया को तेज किया और इजराइल और ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी के लिए तेजी से कदम उठाए। विदेश मंत्रालय की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम और दूतावासों के माध्यम से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया और उनकी वतन वापसी सुनिश्चित की गई। इसके अलावा, भारत सरकार ने कूटनीतिक प्रयासों के तहत दोनों देशों के अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा, ताकि वापसी के रास्ते और सुरक्षित बने रहें।

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