Pakistan Bangladesh visa free entry impact on India: पाकिस्तान और बांग्लादेश ने सरकारी अधिकारियों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति दी है। भारत इस फैसले से जुड़े सुरक्षा खतरे को लेकर सतर्क हो गया है।
Pakistan Bangladesh visa free entry impact on India: पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में सुधार (Pakistan Bangladesh visa agreement) होता दिख रहा है। दोनों देशों ने राजनयिक और सरकारी पासपोर्ट धारकों को वीज़ा-मुक्त यात्रा की सुविधा देने पर सहमति जताई है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व में अंतरिम सरकार (Bangladesh interim government) कार्य कर रही है। इस फैसले की घोषणा बुधवार को ढाका में हुई, जहां पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी (Mohsin Naqvi) और बांग्लादेश के गृह मंत्री जहांगीर आलम चौधरी के बीच बैठक हुई। दोनों देशों ने आंतरिक सुरक्षा, पुलिस प्रशिक्षण, आतंकवाद विरोधी उपाय, और मानव तस्करी पर नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों देशों के बीच इस वीज़ा-फ्री एंट्री से भारत की सुरक्षा चिंता बढ़ गई है।
बैठक में यह तय किया गया कि दोनों देशों की पुलिस अकादमियों के बीच प्रशिक्षण और अनुभव साझा करने की योजना बनेगी। इसके अलावा मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध मानव तस्करी को रोकने के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया गया।
बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के गठन के बाद से पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में तेजी से सुधार हुआ है। 84 वर्षीय नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस, जो भारत समर्थक शेख हसीना सरकार के आलोचक रहे हैं, अब नई सरकार के नेतृत्व में पाकिस्तान के साथ सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
भारत इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है। नई दिल्ली को आशंका है कि पाकिस्तानी अधिकारियों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश की सुविधा मिलने से आईएसआई जैसे खुफिया एजेंसियों की बांग्लादेश में पहुंच आसान हो सकती है। इससे भारत विरोधी चरमपंथ और पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोह को फिर से बढ़ावा मिल सकता है।
पाकिस्तान ने इस सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए आंतरिक सचिव खुर्रम आगा की अध्यक्षता में एक संयुक्त समिति भी बनाई है। साथ ही एक बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस्लामाबाद की यात्रा करेगा, जहां वह सुरक्षित शहर परियोजना और राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का दौरा करेगा।
भारत सरकार इस घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से आईएसआई जैसी एजेंसियों की गतिविधियाँ बांग्लादेश में आसानी से बढ़ सकती हैं, जिससे पूर्वोत्तर भारत में अस्थिरता फैल सकती है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बांग्लादेश में पाकिस्तानी अधिकारियों की गतिविधियों पर रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। भारत-बांग्लादेश सुरक्षा सहयोग को लेकर भी नई दिल्ली जल्द ही ढाका से बात कर सकता है।
बहरहाल इस कदम को चीन के बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान-बांग्लादेश की नजदीकी चीन के रणनीतिक हितों से भी जुड़ी हो सकती है, जिससे भारत की क्षेत्रीय रणनीति पर असर पड़ सकता है।