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एक दिन पहले मुनीर-शाहबाज की ट्रंप से हुई थी मुलाकात, अब पाकिस्तान ने अमेरिका को दे दिया जोरदार झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर से मुलाकात की। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तान, चीन, रूस और ईरान ने संयुक्त बयान जारी कर बगराम एयरबेस को अमेरिकी नियंत्रण में लेने का विरोध किया, इसे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक बताया।

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भारत

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Mukul Kumar

Sep 27, 2025

Donald Trump with Shehbaz Sharif and Asim Munir

Donald Trump with Shehbaz Sharif and Asim Munir

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर के साथ लगभग 90 मिनट तक बैठक की।

उधर, बैठक के ठीक बाद पाकिस्तान ने अमेरिका को जोरदार झटका दिया और बगराम एयरबेस को लेकर डॉनल्ड ट्रंप की योजना का विरोध करते हुए चीन, रूस और ईरान के साथ संयुक्त बयान जारी किया।

चारों देशों ने साफ कहा कि बगराम एयरबेस को अमेरिकी नियंत्रण में लेना क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक साबित होगा।

बयान में जोर दिया गया कि अफगानिस्तान को स्वतंत्र, एकजुट और शांतिपूर्ण राज्य के रूप में बनाए रखना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है।

चारों देशों ने अफगान सरकार से आग्रह किया कि आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं और मानवीय सहायता को राजनीतिक शर्तों से अलग रखा जाए।

तालिबान भी अमेरिका से लड़ने को तैयार

उधर, तालिबान भी साफ कर चुका है कि वो अगले 20 सालों तक और अमरीका से लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन बगराम एयरबेस पर समझौता नहीं करेगा।

इस तरह से साफ है ट्रंप को बगराम एयरबेस पर नजर डालने से पहले चौतरफा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय ताकतों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।

पाकिस्तान पर भरोसा मुश्किल

विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि जब पाकिस्तान की सेना और प्रधानमंत्री ट्रंप के साथ नजदीकियों में जुटे थे, उसी दौरान उसने चीन, रूस और ईरान के साथ ट्रंप की नीतियों के खिलाफ बयान जारी कर दिया।

यह स्पष्ट संकेत है कि ट्रंप जिस पाकिस्तान पर भरोसा कर रहे थे, वहां से अमेरिका को गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान की क्षेत्रीय रणनीति और अमरीकी नीतियों के बीच संभावित तनाव को उजागर करता है। साथ ही यह दिखाता है कि ट्रंप प्रशासन के लिए पाकिस्तान पर भरोसा करना जोखिमों से भरा हो सकता है।