पाकिस्तानी नागरिक अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। वह पाकिस्तान सरकार से अपना फैसला बदलने को कह रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान की सरकार (Pakistan Government) ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष (India-Pakistan Conflict) के दौरान शांति स्थापना के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की कोशिश के कारण उन्हें नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नामित किया, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही ट्रंप ने पाकिस्तान के पड़ोसी देश ईरान (Iran) पर हमला कर दिया। अमेरिका (America) ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट पर हमला किया।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, अमेरिका के हमले के बाद पाकिस्तान की सिविल सोसाइटी व विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने फैसले की समीक्षा की मांग की है। जमीयत उलेमा ए इस्लाम के प्रमुख फजलुर रहमान ने कहा कि शहबाज सरकार अपना फैसला वापस ले। मुर्री में एक बैठक में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा झूठा साबित हुआ। उनको नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने वाले प्रस्ताव को पाकिस्तान वापस ले।
फजलुर रहमान ने फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तानी शासक ट्रंप के साथ मुलाकात और लंच से इतने खुश हुए कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश की। ट्रंप ने फिलिस्तीन, सीरिया, लेबनान और ईरान पर इजरायली हमलों का समर्थन किया है। यह शांति का संकेत कैसे हो सकता है? जब अमेरिका के हाथों पर अफगानों और फिलिस्तीनियों का खून लगा हो, तो वह शांति का समर्थक होने का दावा कैसे कर सकता है?
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने खुद को ऐसे शांति कायम करने वाले के रूप में प्रचारित किया, जो यूक्रेन और गाजा में युद्धों को जल्द समाप्त करने के लिए अपने वार्ता कौशल का इस्तेमाल करेंगे। पर उनके राष्ट्रपति बनने के बाद हमास-इजरायल संघर्ष और यूक्रेन-रूस जंग जारी है।
पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर मुशाहिद हुसैन ने कहा कि ट्रंप संभावित शांति कायम करने वाले नहीं रह गए हैं, बल्कि वह एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जानबूझकर एक अवैध युद्ध छेड़ दिया है। पाकिस्तान की सरकार को अब उनके नोबेल नॉमिनेशन की समीक्षा करनी चाहिए। उसे रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली युद्ध लॉबी के जाल में फंस गए हैं। वह अपने राष्ट्रपति काल की सबसे बड़ी भूल कर चुके हैं। पूर्व सीनेटर ने अमेरिकी हमलों की निंदा करते हुए ट्रंप को धोखेबाज करार दिया। हुसैन ने कहा कि ट्रंप ने अपना युद्ध न शुरू करने का वादा तोड़ दिया।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता व सांसद अली मुहम्मद खान ने कहा कि शहबाज सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाक सरकार का निर्णय अब शर्मिंदगी भरा लग रहा है। पूर्व सीनेटर अफरासियाब खट्टक ने कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने में पाकिस्तानी सत्तारूढ़ एलिट क्लास की अपनाई गई चाटुकारिता अब उसी के गले की फांस बन गई है।
अमेरिका में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत मलीहा लोधी ने पाकिस्तान सरकार पर जमकर हमला बोला है। मलीहा लोधी ने कहा कि जिन लोगों ने (पाकिस्तानी सरकार) अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लिए नोबेल मांगा है, उन्हें शर्म आनी चाहिए। हमारे नोबेल पुरस्कार के नॉमिनी ने ईरान पर बमबारी की है। दुनिया को युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर दिया है।
Updated on:
23 Jun 2025 03:01 pm
Published on:
23 Jun 2025 02:40 pm