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मोदी की जापान यात्रा: भारत के साथ रिश्तों में कैसे आई नई रफ्तार, जानिए

PM Modi Japan Visit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा से भारत और जापान के बीच आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक रिश्तों को नई दिशा मिली है।

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भारत

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MI Zahir

Aug 29, 2025

PM Modi Japan Visit 2025

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फोटो: एक्स)

PM Modi Japan Visit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi ) की दो दिवसीय जापान यात्रा (PM Modi Japan Visit 2025) ने भारत और जापान के संबंधों को मजबूती देने का काम किया है। टोक्यो में 15वें भारत-जापान आर्थिक फोरम (India Japan Economic Summit) को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत की विकास यात्रा में जापान एक अहम भागीदार है।" इस दौरे से दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और सामरिक संबंधों में नया मोड़ देखने को मिला है। यह दौरा पीएम मोदी की जापान के लिए सात साल बाद की पहली स्टैंडअलोन यात्रा थी और कुल मिला कर उनकी आठवीं जापान यात्रा बन गई है। इस दौरे के बाद पीएम मोदी 31 अगस्त से चीन के तियानजिन में होने वाले SCO (Shanghai Cooperation Organisation summit ) में हिस्सा लेंगे। यह 2020 के गलवान संघर्ष (Galwan Conflict) के बाद पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा होगी।

भारत और जापान के संबंधों के लिए एक नया अध्याय

इस तरह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह जापान यात्रा भारत और जापान के संबंधों के लिए एक नया अध्याय साबित हुई है। व्यापार, तकनीक, रक्षा और संस्कृति-हर स्तर पर दोनों देशों ने निकटता दिखाई है, जो आने वाले वर्षों में वैश्विक स्तर पर इनके प्रभाव को और सशक्त बनाएगा।

रणनीतिक साझेदारी: राजनयिक संबंध हुए और मजबूत

इस यात्रा के दौरान भारत और जापान ने विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। पीएम मोदी और जापानी प्रधानमंत्री के बीच इंडो-पैसिफिक सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र में सहयोग और वैश्विक स्थिरता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देश QUAD समूह में भी मिल कर काम कर रहे हैं।

व्यापार और निवेश: जापान का भरोसा भारत पर

जापान पहले से ही भारत में बुनियादी ढांचे, मेट्रो, रेलवे और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़ा निवेशक है। मोदी की इस यात्रा में जापानी कंपनियों ने भारत में निवेश बढ़ाने की रुचि दिखाई। सेमीकंडक्टर्स, AI, स्मार्ट सिटी और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बात हुई, जो भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा।

सांस्कृतिक रिश्ते: परंपराओं का साझा सम्मान

भारत और जापान के सांस्कृतिक रिश्ते हमेशा से मधुर रहे हैं। योग और बौद्ध धर्म जहां जापान में लोकप्रिय हैं, वहीं भारत में जापानी एनिमेशन, मार्शल आर्ट और टेक्नोलॉजी का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। इस यात्रा में दोनों देशों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की बात कही।

रक्षा सहयोग: सामरिक क्षेत्र में भी साथ

भारत और जापान अब सैन्य सहयोग में भी साथ आ रहे हैं। नौसेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास, रक्षा तकनीक साझा करना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग जैसे कदम दोनों देशों को सामरिक रूप से और करीब लाते हैं। इससे क्षेत्र में चीन के प्रभाव को संतुलित करने में मदद मिलती है।

जापान में मोदी का स्वागत: दोस्ती की मिसाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त 2025 को जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे। यह दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए थी, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी को और मजबूत करना था। जापान पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। जापानी नागरिकों ने भारतीय तबला वादन, भजन और पारंपरिक प्रस्तुतियों से उनका अभिनंदन किया।

शिगेरु इशिबा से मुलाकात (Modi Ishiba Meeting Tokyo)

इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर गहन चर्चा की। दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और जापान मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

भारत-जापान इकनॉमिक फोरम को संबोधित किया

टोक्यो में पीएम मोदी ने 15वें भारत-जापान इकनॉमिक फोरम को भी संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि “भारत की विकास यात्रा में जापान एक अहम भागीदार है।” उन्होंने जापानी उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत का टेलेंट और जापान की टेक्नोलॉजी मिल कर वैश्विक विकास को गति दे सकते हैं।

नई और उभरती तकनीकों पर फोकस (India Japan AI Partnership)

यात्रा का मुख्य फोकस नई और उभरती तकनीकों पर रहा। दोनों देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर्स, क्लीन एनर्जी और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया। इस दौरान जापान की ओर से भारत में अगले 10 वर्षों में करीब ¥10 ट्रिलियन (लगभग $68 बिलियन) निवेश करने की योजना सामने आई, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

पीएम मोदी का भव्य स्वागत

टोक्यो पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। जापानी प्रधानमंत्री और बिजनेस लीडर्स ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया। जापानी मीडिया और जनता में भी मोदी की यात्रा को काफी महत्व दिया गया, जिससे दोनों देशों की जनता के बीच विश्वास और जुड़ाव और गहरा हुआ।

नेताजी बोस और जापान: ऐतिहासिक साझेदारी की नींव

भारत और जापान का रिश्ता आज का नहीं है। आज़ादी के समय नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जापान से समर्थन लिया था। जापान ने आज़ाद हिंद फौज को संसाधन और सैन्य मदद दी थी। यह ऐतिहासिक जुड़ाव आज भी दोनों देशों की दोस्ती की गहराई को दर्शाता है।

रिश्तों में आई नई मजबूती

बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा ने भारत-जापान रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि व्यापार, तकनीक, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में नए सहयोग की शुरुआत है, जो आने वाले वर्षों में दोनों देशों को और करीब लाएगा।