
नई दिल्ली।
अमरीका की तीन दिवसीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को क्वाड देशों की बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के में इस बात पर जोर दिया कि क्वाड देशों को हिंद प्रशांत क्षेत्र में साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि क्वाड का मकसद ही यह है कि सभी साथ मिलकर दुनिया में शांति स्थापित करें और इसे समृद्धि की ओर ले जाएं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में क्वाड का उद्देश्य समझाते हुए कहा कि सबसे पहले वर्ष 2004 के बाद क्वाड देश एकजुट हुए। तब सुनामी से निपटने के लिए हर तरह की मदद की गई थी। अब जबकि पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, तब फिर दुनिया की भलाई के लिए क्वाड सक्रिय हुआ है। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड की पहली आमने सामने बैठक बुलाने के लिए बिडेन का धन्यवाद किया।
वहीं, इस बैठक में जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह सम्मेलन बेहतर रहा। सुगा ने बिडेन का धन्यवाद करते हुए कहा कि जापानी फूड प्रॉडक्ट पर जो प्रतिबंध लगा था, उसे आपने खत्म कर दिया। इसके लिए मैंने आपसे गत अप्रैल में गुजारिश की थी।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने क्वाड समूह की बैठक में कहा कि आज हम प्रत्येक क्वाड देशों के छात्रों के लिए संयुक्त राज्य अमरीका में अग्रणी स्टेम कार्यक्रमों में उन्नत डिग्री हासिल करने के लिए एक नई क्वाड फेलाशिप भी शुरू कर रहे हैं, जो कल के नेताओं में निवेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बिडेन ने बैठक में कहा, हमारे युग की प्रमुख चुनौतियों का सामना करने के लिए क्वाड देशों के पास भविष्य के लिए समान दृष्टिकोण है। बिडेन ने कहा कि वैक्सीनेशन के इनिशिएटिव को लेकर हमारा प्लान ट्रैक पर है। हम भारत में एक बिलियन डोज का उत्पादन जल्द करेंगे, जिससे ग्लोबल सप्लाई बेहतर हो सके।
इसके बाद आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अपने संबोधन मे कहा कि क्वाड ग्रुप से साबित होता है कि लोकतांत्रिक देश मिलकर कितनी अच्छी तरह से काम कर सकते हैं। दुनिया का अन्य कोई भी हिस्सा इस समय इंडो-पैसेफिक से ज्यादा गतिशील नहीं है।
Updated on:
25 Sept 2021 07:57 am
Published on:
25 Sept 2021 07:14 am
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