
Tauqeer Zaidi
Sayed Tauqeer Hussain Zaidi: यूएई में रह कर भारत का नाम रोशन करने वाले गीता के उर्दू काव्य अनुवादक लोकप्रिय प्रवासी भारतीय राइटर सैयद तौक़ीर हुसैन ज़ैदी (Sayed Tauqeer Hussain Zaidi) का नाम साहित्य और पत्रकारिता में बहुत आदर के साथ लिया जाता है। वे एक प्रतिष्ठित लेखक, कवि, पत्रकार और संपादक हैं। उन्होंने उर्दू साहित्य और पत्रकारिता में अपने गहरे ज्ञान और लेखन की अद्वितीय क्षमता से विशेष पहचान बनाई है। ज़ैदी ने patrika.com से एक्सक्लूसिव बातचीत में सीधे यूएई से सक्सेस स्टोरी (Success story) में बताया कि उन्होंने कई पत्रिकाओं और फिल्म स्क्रीन के संपादक के रूप में कार्य किया है। सच्ची कहानी और नूतन कहानी जैसी पत्रिकाएं, जिनमें उन्होंने संपादकीय जिम्मेदारियाँ निभाईं। वहीं फैनजीन पत्रिका दुबई से प्रकाशित होती है। मुस्तकबिल यू.ए.ई. जैसी पत्रिका में भी उनकी विशेष भूमिका रही है। संयुक्त अरब अमीरात के शासक शेख मोहम्मद के अंतर्गत प्रकाशित उर्दू एक्सप्रेस में भी उनका योगदान है।
सैयद तौक़ीर हुसैन ज़ैदी patrika.com को बताया कि उनका कुनबा हज़रत अली और बीबी फातिमा से ताल्लुक रखता है। वे मशहूर ख्यातिप्राप्त शायर अकबर इलाहाबादी (Akbar Allahabadi) के नाती हैं। उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है और उर्दू में मास्टर्स की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में पूरी की है। उनका जन्म 19 अप्रेल 1970 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ, जहां उनकी आज भी पैतृक हवेली है।
सैयद तौक़ीर हुसैन ज़ैदी ने बताया कि उन्होंने उर्दू साहित्य में कई उत्कृष्ट पुस्तकों का लेखन किया है, जो पाठकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुई हैं। उनकी प्रमुख रचनाएं हैं:
संगम की लहरें (ग़ज़ल और नज़्म) – यह संग्रह उनकी काव्य क्षमता का प्रतीक है।
सहरा (ग़ज़ल और नज़्म) – उर्दू काव्य का एक और बेहतरीन संग्रह।
ग़ुर्बत (नज़्म) – परदेस की व्यथाओं पर आधारित कविताएं।
आहो-फ़ुग़ान (मरसिया) – शोक और संवेदनाओं का सजीव चित्रण।
दारो-रसन (ग़ज़ल) – उनकी उम्दा ग़ज़लों का संग्रह।
मौत-ओ-हयात (मसनवी) – जीवन और मृत्यु पर आधारित एक विशेष मसनवी।
सैयद तौक़ीर हुसैन ज़ैदी ने नाटकों में भी अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया है। उन्होंने बताया कि जोश मलीहाबादी पर आधारित 13 एपिसोड का एक नाटक भी लिखा है। इसके अलावा, उन्होंने भगवद गीता का उर्दू कविता में अनुवाद किया है, जो उनकी भाषाई गहराई और कई संस्कृतियों के प्रति उनका सम्मान दर्शाता है।
वे मनोरंजन की दुनिया में कई फिल्में, टीवी शो और संगीत एलबम दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ चुके हैं। उन्होंने फिल्मों और संगीत में बेहतरीन काम के साथ-साथ बॉलीवुड के मशहूर गायकों और संगीतकारों के साथ मिल कर कई यादगार प्रोजेक्ट्स का निर्माण किया है। आइए जानते हैं इस सफर के कुछ ख़ास पड़ावों के बारे में।
सैयद तौक़ीर हुसैन ज़ैदी ने बताया कि फ़िल्मों में बेलगाम, कहानी किस्मत की, इश्क समुंदर, भंवरा, तू नहीं तो और सही, करले प्यार कर ले, गार्जियन, और 26 जनवरी गुड मॉर्निंग इंडिया जैसी कई यादगार फ़िल्में शामिल हैं। उन्होंने हर फिल्म में अपनी अनूठी कहानी और बेहतरीन पेशकश के साथ दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी है।
वे कहते हैं कि टीवी का माध्यम सदैव मनोरंजन और प्रभावी कहानियों को पहुंचाने का सशक्त ज़रिया रहा है। उनके ये टेलीविजन शो इस बात का प्रमाण हैं:
ताक झांक (सोनी): अपनी बेहतरीन कहानी और किरदारों की वजह से यह सीरियल दर्शकों का चहेता बना।
जेल में है ज़िन्दगी: यह शो जेल के जीवन पर आधारित था और उसने जेल की अंदरूनी सच्चाइयों को उजागर किया।
मुर्गा झटके का: सामाजिक मुद्दों पर आधारित इस शो में हास्य और व्यंग्य के ज़रिये गहरी बातों को प्रस्तुत किया गया।
संगीत की दुनिया में भी कई ऐसे एलबम रहे हैं, जो दर्शकों के दिलों में बस चुके हैं। कुछ लोकप्रिय गानों में शामिल हैं:
मेरी चुनरी उड़ उड़ जाए – फाल्गुनी पाठक
तेरी मैं प्रेम दीवानी – फाल्गुनी पाठक
जानेमन – पंकज उधास
शराबी आँखें – मनहर उधास
जवाँ हो गई हो – क़व्वाल जानी बाबू
हल्की हल्की चांदी – रूपकुमार राठौड़ और सोनाली
उन्होंने इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से बॉलीवुड के कई प्रसिद्ध गायकों और संगीत निर्देशकों के साथ शाहकार रचा है। फ़िल्मों, टेलीविजन और संगीत के इस अद्भुत सफर ने मनोरंजन जगत में नई ऊंचाइयां हासिल की हैं और दर्शकों को यादगार प्रस्तुतियां दी हैं।
सारस्वत सम्मान
प्रो. मालिकजादा मंज़ूर अहमद अवार्ड
परवाज़ अवार्ड
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवार्ड
शहंशाह-ए-सुखन अवार्ड
मैजिक बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स से डॉक्टरेट अवार्ड (2022)
शायर-ए-आज़म अवार्ड दुबई
मोजिज़नुमा अवार्ड
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से चंद्रशेखर अवार्ड
फिल्म निर्माता के रूप में काम:
26 जनवरी - गुड मॉर्निंग इंडिया
प्रेरणा
मीना कुमारी: एक अमर प्रेम कहानी
वर्तमान परियोजनाएं:
अनसीन लव लेन ( कश्मीर के प्रेम पर आधारित)
बहरहाल सैयद तौक़ीर हुसैन ज़ैदी की साहित्यिक और पत्रकारिता यात्रा हमें उर्दू भाषा और संस्कृति के प्रति उनके योगदान और प्रेम की कहानी सुनाती है। उनकी रचनाएँ और योगदान हमेशा उर्दू साहित्य प्रेमियों के बीच जीवित रहेंगे और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
Updated on:
30 Nov 2024 12:48 pm
Published on:
26 Nov 2024 04:06 pm
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