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रूस घूमने गए थे 7 भारतीय, रूसी सेना ने भेज दिया यूक्रेन में युद्ध लड़ने

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध दो साल से भी ज़्यादा समय से जारी है। पर इस युद्ध का असर 7 भारतीयों पर इस तरह से पड़ा कि वो युद्ध के मैदान में पहुंच गए। कैसे? आइए जानते हैं।

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7 Indian citizens forced to fight war

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच 24 फरवरी 2022 से चल रहे युद्ध को 2 साल से भी ज़्यादा समय हो चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेन पर कब्ज़ा करने के इरादे से उनके आदेश पर रूस की सेना ने यूक्रेन को घेरते हुए हमला कर दिया था। हालांकि 2 साल में भी ज़्यादा समय बीतने के बावजूद रूस इस युद्ध को जीत नहीं सका है और न ही यूक्रेन पर कब्ज़ा करने में कामयाबी हुआ है। पर रूस ने यूक्रेन में काफी तबाही मचाई है, जिससे जान-माल का नुकसान भी हुआ है। इस युद्ध में न सिर्फ यूक्रेन के नागरिक, बल्कि सैनिकों ने भी जान गंवाई हैं। बड़ी संख्या में लोगों को देश छोड़कर भी जाना पड़ा है। पर रूस की सेना को भी इस युद्ध की वजह से अपने कई सैनिकों को खोना पड़ा है। ऐसे में रूस ने कई सैनिकों की भर्ती भी की है। पर भारत (India) के 7 नागरिक भी इस चक्कर में फंस गए और सिर्फ घूमने के लिए रूस गए इन लोगों को अब युद्ध के मैदान में जंग लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।


नए साल का जश्न मनाने गए थे रूस

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। इसमें 7 भारतीय नागरिकों को दिखाया गया है जिन्होंने बताया कि वो नए साल का जश्न मनाने के लिए दिसंबर 2023 के अंत में रूस गए थे।

ट्रैवल एजेंट के कहने पर बेलारूस भी गए

रूस में घूमने के बाद सातों भारतीय नागरिकों को एक ट्रैवल एजेंट ने बेलारूस (Belarus) घूमने के लिए भी कहा। सातों ने उसकी बात मान ली और घूमने के लिए बेलारूस चले गए।

गायब हुआ ट्रैवल एजेंट


सातों भारतीय नागरिक जब बेलारूस पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उन्हें वीज़ा की ज़रूरत पड़ेगी। उन्हें यह बात पहले नहीं पता थी। ऐसे में ट्रैवल एजेंट ने उनसे पैसे मांगे पर उनके पास और पैसे नहीं थे। ऐसे में ट्रैवल एजेंट उन्हें हाईवे पर छोड़कर गायब हो गया।

पुलिस ने पकड़ा और रूसी सेना को सौंपा

इसके बाद सातों भारतीय नागरिकों को पुलिस ने पकड़ लिया और उनको रूसी सेना के हवाले कर दिया।

10 साल की जेल या कॉन्ट्रेक्ट

सातों भारतीय नागरिकों को रूसी सेना ने एक जगह 4-5 दिन रखा और उसके बाद उनकी बात हिंदी बोलने वाले एक शख्स से कराई। उस शख्स ने बताया कि या तो उन्हें रूस में 10 साल की जेल की सज़ा बितानी होगी या फिर कॉन्ट्रैक्ट साइन करना होगा। इस कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार सभी को हैल्पर की नौकरी मिल जाएगी जिसमें खाना बनाना, ड्राइवर का काम जैसी नौकरी शामिल हैं।

हुआ धोखा

कॉन्ट्रैक्ट रूसी भाषा में था और इस वजह से सातों भारतीय नागरिकों को ही समझ नहीं आया। उन्होंने इसे साइन कर दिया और इसके बाद सेना ने उन्हें ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया। वहाँ जाकर उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है और उन्हें हैल्पर की नौकरी नहीं, बल्कि धोखे से उनसे सेना की ट्रेनिंग और भर्ती के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया।

युद्ध के लिए यूक्रेन भेजा

करीब 15 दिन की सैन्य ट्रेनिंग के बाद सातों भारतीय नागरिकों को युद्ध के लिए यूक्रेन भेज दिया गया है जहाँ उन्हें लड़ने के लिए फ्रंटलाइन पर लगा दिया गया है।

भारतीय सरकार से लगाई मदद की गुहार

सातों भारतीय नागरिकों ने बताया कि उन्हें ठीक से बंदूक पकड़नी भी नहीं आती। साथ ही उन्होंने भारतीय सरकार और एंबेसी से भी मदद की गुहार लगाईं और देश वापस लाने के लिए मदद मांगी।


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