
UN Report on Bangladesh Sheikh Hasina role in Student Violence in 2024
Bangladesh: बांग्लादेश में पिछले साल जून से अगस्त महीने में जो छात्र आंदोलन के नाम पर हिंसा भड़की, सैकड़ों लोगों की मौत हुई, और जिसके लिए शेख हसीना (Sheikh Hasina) को अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, इन सभी के लिए शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ही जिम्मेदार थी। ये दावा संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की रिपोर्ट में किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में मानवाधिकार अन्वेषकों की जांच के आधार पर ये रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क के हवाले से कहा गया है कि पिछले साल जून के महीने में नौकरी में आरक्षण का विरोध (Bangladesh Violence) जताने के लिए जो छात्र आंदोलन शुरू हुआ था। उसमें प्रदर्शनकारियों पर जो हमले किए गए थो वो पहले से ही सुनियोजित थे। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में जुलाई से 15 अगस्त 2024 के बीच हुए दंगों की जांच रिपोर्ट में ये संभावना जताई गई है कि इन प्रदर्शनों में लगभग 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इनमें 12 से 13 प्रतिशत तो बच्चे थे।
इन हिंसक घटनाओं में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें ज्यादातर लोग सुरक्षाबलों की चलाई गोली से मारे गए हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी 1400 के आसपास मिला जबकि बांग्लादेश (Bangladesh) के आधिकारिक आंकड़ें सिर्फ 834 लोगों के ही मरने की बात कहते हैं। इतना ही नहीं, जानबूझकर लोगों को बेहद नजदीक से गोली मारी गई थी, ताकि वे गोली लगते ही मर जाएं।
UN की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस छात्र आंदोलन में महिलाओं हिस्सा ना ले सकें, इसके लिए उनके साथ रेप की धमकी दी गई। और तो और बच्चों को भी पकड़ा गया उन्हें गंभीर अमानवीय यातनाएं दी गईं। वोल्कर तुर्क ने रिपोर्ट में कहा है कि बांग्लादेश सरकार की ये हरकत एक यह क्रूर प्रतिक्रिया थी जो व्यापक विरोध के बावजूद सत्ता पर काबिज रहने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थी और ऐसी ही योजनाएं बनाई थीं। रहने की एक सोची-समझी और सुनियोजित रणनीति थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में ये भी पाया गया है कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार, उनकी पार्टी आवामी लीग, बांग्लादेश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसी भी इन हिंसक हमलों में कथित तौर पर शामिल थी। ऐसा इसलिए हुआ कि क्योंकि शेख हसीना की सरकार बांग्लादेश की सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही थी।
ये रिपोर्ट पेश करते हुए संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बांग्लादेश में हत्याएं, यातनास कारावास और दूसरे अमानवीय कांड किए गए हैं, इसके लिए UN के पास सबूत हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि ये रिपोर्ट बांग्लादेश में मानवाधिकार जांचकर्ताओं और फोरेंसिक जानकारों के इस हिंसा के पीड़ितों, गवाहों, विरोधी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ किए गए 230 से ज्यादा इंटरव्यू पर आधारित है।
Published on:
12 Feb 2025 04:06 pm
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