
Smart phone at study time
Smartphone :यूनेस्को के एक अध्ययन के अनुसार स्मार्टफोन के कारण एक बार ध्यान भटकने पर फिर से पढ़ाई पर फोकस करने में उन्हें 20 मिनट तक लग सकते हैं। इससे उनके सीखने-समझने पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
डेटा विश्लेषण से यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि तकनीक का साइड इफेक्ट यह है कि पढ़ाई के दौरान स्मार्टफोन के इस्तेमाल से छात्र छात्राओं का पढ़ाई से ध्यान भटकता है।
यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन से जुड़े डेटा के विश्लेषण से यह निष्कर्ष पेश किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रौद्योगिकी के अत्यधिक इस्तेमाल और विद्यार्थियों के प्रदर्शन के बीच नकारात्मक संबंध नजर आता है। प्राइमरी स्तर पर नकारात्मक असर थोड़ा कम, वहीं उच्च शिक्षा स्तर पर असर ज्यादा बढ़ जाता है।
इसके बावजूद दुनिया के सिर्फ एक चौथाई देशों ने स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है। रिपोर्ट में रेखांकित किया गया कि स्मार्टफोन और अन्य प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल तभी होना चाहिए, जब इनसे सीखने-सिखाने के नतीजों पर सकारात्मक असर पड़ता हो।
रिपोर्ट में कहा गया कि डिजिटल तकनीक अपनाने से शिक्षा क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। खासकर अमीर देशों के स्कूलों में विद्यार्थियों को डिजिटल नेविगेशन के साथ कदमताल सिखाने के लिए कई नए बुनियादी कौशल शामिल किए गए। कोरोना काल में पूरी शिक्षा प्रणाली को ऑनलाइन मोड में शुरू कर दिया गया, लेकिन डिजिटल तकनीक के खतरों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी मूल्यांकन कार्यक्रम (पीसा) से मिले डेटा के विश्लेषण के दौरान 14 देशों में पाया गया कि पढ़ाई के दौरान अन्य गतिविधियां ध्यान भटकाती हैं। पढ़ाई के दौरान स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते समय अगर कोई नोटिफिकेशन आ जाए तो विद्यार्थी का ध्यान उस पर चला जाएगा। पढ़ाई पर फिर से ध्यान केंद्रित करने में उसे समय लगेगा। इससे सीखने की पूरी प्रक्रिया बाधित होती है।
Published on:
06 Aug 2024 02:23 pm
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