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Snake Bite: सांपों के काटने के बढ़े केस, भारत में हर साल 58000 मौतें, जाानिए किन इलाकों में ज्यादा खतरा

WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक जहां एंटीवेनम (सांप के जहर का इलाज) की पहुंच कम हैं, वहां पर हालात ज्यादा गंभीर हैं।

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Snake Bite

snake bite case increased across world 58000 deaths every year in India

Snake Bite: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण विभिन्न देशों में बाढ़ की घटनाएं बढऩे से सांप के काटने के मामले भी बढ़ रहे हैं। भारत इस मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जहां हर साल सांप के काटने से 58,000 लोगों की मौत होती है। भारत के पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान (Bangladesh and Pakistan) भी बुरी तरह प्रभावित देशों में शामिल हैं। WHO के विशेषज्ञ डेविड विलियम्स ने जिनेवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह समस्या खासकर उन देशों में ज्यादा गंभीर हो रही है, जहां एंटीवेनम (सांप के जहर का इलाज) की पहुंच कम है।

हर साल 27 लाख मामले, 1.38 मौत

दुनिया में हर साल करीब 27 लाख लोगों को जहरीले सांप काटते हैं। इनमें से करीब 1.38 लाख की मौत हो जाती है। विलियम्स ने कहा, हर चार से छह मिनट में एक व्यक्ति सांप के काटने से मरता है। हर साल सांप के जहर से करीब ढाई लाख लोग स्थायी दिव्यांग हो जाते हैं।

गंभीर रक्तस्राव और लकवा का खतरा

डेविड विलियम्स के मुताबिक सांप के जहर से लकवा, सांस रुकने और खून संबंधी विकार हो सकते हैं। गंभीर रक्तस्राव का भी खतरा रहता है, क्योंकि सांप का जहर खून का थक्का बनने से रोकता है। इसके अलावा किडनी फेल हो सकती है और ऊतकों की क्षति स्थायी दिव्यांगता का कारण बन सकती है।

गांवों में ज्यादा मौतें

भारत में सांप का जहर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की आबादी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। सांप काटने से 82 फीसदी मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में होती हैं। भारत में सांप के काटने के करीब 90 फीसदी मामले चार प्रमुख सांपों करैत, भारतीय कोबरा, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल वाइपर के कारण होते हैं।

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