
दक्षिण कोरिया में 120 बरसों में पहली बार भारी बारिश हुई। ( फोटो: X Handle NewsCat/ NO DMs.)
South Korea heavy rain deaths and missing update: दक्षिण कोरिया इस समय मूसलाधार बारिश (South Korea rain disaster) से जूझ रहा है। बारिश के कारण अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 लोग अभी भी लापता (missing people South Korea) हैं। प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। दक्षिण कोरिया (Korea floods 2025 update) की सांचियोंग काउंटी सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है। यहां बुधवार से अब तक करीब 800 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। कोरिया के लोगों का कहना है कि 120 बरसों में पहली बार इतनी अधिक बारिश हुई है। इस छोटे से ग्रामीण क्षेत्र में 8 लोगों की मौत हुई है और 6 लोग अब तक लापता हैं। सरकार ने राहत कार्य तेज कर दिया है और हजारों लोग अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
पास की हैपचियन और हैडोंग काउंटियों में भी भारी बारिश दर्ज की गई है - क्रमशः 699 मिमी और 621.5 मिमी। वहीं, दक्षिण-पश्चिमी शहर ग्वांगजू से दो लोग लापता बताए गए हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1,920 मामले बाढ़, भूस्खलन और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सामने आए हैं। साथ ही, निजी संपत्तियों जैसे मकान और खेतों को नुकसान पहुंचाने के 2,234 मामले भी दर्ज हुए हैं।
अब तक लगभग 12,921 लोग अपने घर छोड़कर 14 शहरों और प्रांतों में अस्थायी शिविरों में शरण ले चुके हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।
भारी बारिश के कारण देशभर में मोबाइल टावर और बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा असर सांचियोंग और गैप्योंग इलाकों में देखा गया, जहाँ कई घंटों तक बिजली गुल रही। हालांकि रविवार शाम तक 90% वायरलेस और 98% लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से इस तरह की अत्यधिक बारिश की घटनाएं अब और ज्यादा सामान्य होती जा रही हैं। वर्ष 2022 में भी दक्षिण कोरिया में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई थी, जिसमें 11 लोगों की जान गई थी।
दक्षिण कोरिया में लगातार हो रही भारी बारिश और बढ़ती मौतों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार से राहत कार्य तेज़ करने की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि “प्राकृतिक आपदाओं के सामने हम सभी बेहद असहाय हैं, लेकिन तैयारी और सतर्कता जान बचा सकती है।”
मानवाधिकार संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस घटना को जलवायु परिवर्तन की एक चेतावनी बताया है। उनका कहना है कि दुनिया को अब गंभीरता से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
राहत व बचाव अभियान: लापता लोगों की तलाश के लिए बाढ़ग्रस्त इलाकों में बचाव टीमों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
आपदा राहत पैकेज: सरकार की ओर से प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की जा सकती है।
इन्फ्रा स्ट्रक्चर सर्वे: सार्वजनिक सुविधाओं को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए इंजीनियरिंग टीमों को भेजा जाएगा।
जलवायु रणनीति समीक्षा: मौसम वैज्ञानिक और नीति निर्माता इस घटना के बाद दक्षिण कोरिया की जलवायु आपदा रणनीति की समीक्षा कर सकते हैं।
भारी बारिश से कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट बंद हो गया, जिससे लोग अलर्ट मैसेज और सूचना तक नहीं पहुंच सके।
किसानों की परेशानी : खेतों में पानी भर जाने से हजारों किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे उनकी आजीविका पर असर पड़ा है।
स्कूलों और अस्पतालों पर प्रभाव : बाढ़ के कारण कई स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित कर दी गईं, और कुछ अस्पतालों की सेवाएँ अस्थायी रूप से बाधित हो गईं।
जलवायु चेतावनी : विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना दक्षिण कोरिया ही नहीं, बल्कि एशिया के लिए एक बड़ी जलवायु चेतावनी है।
Updated on:
20 Jul 2025 07:26 pm
Published on:
20 Jul 2025 07:25 pm
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