
South Korea (Photo- ANI)
South Korea: दक्षिण कोरिया की सत्ता में बडी़ उठा-पटक शुरू हो गई है। यहां पर राजनीतिक गतिरोध अब अपने चरम पर पहुंच गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को महाभियोग लगाए गए राष्ट्रपति यून सुक योल (Yoon Suk Yeol) के आवास में एंट्री ले ली है। भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (CIO) के पास सियोल कोर्ट का जारी किया अरेस्ट वारंट भी है। वहीं घर के बाहर खड़ी पुलिस से अब यून के समर्थकों की झड़प भी शुरू होने लगी है। स्थिति को बस जैसे-तैसे संभाला जा रहा है। इधर उत्तर कोरिया (North Korea) ने भी इस पर अपना बयान जारी किया है।
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया KCNA की रिपोर्ट के मुताबिक महाभियोग लगाए गए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल की जो गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है वो दक्षिण कोरिया में अराजकता और राजनीतिक गतिरोध की स्थिति को दिखाती है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक KCNA ने लिखा है कि "कठपुतली दक्षिण कोरिया में 3 दिसंबर के मार्शल लॉ की घटना के बाद अभूतपूर्व महाभियोग चलाया गया।"
राष्ट्रपति को किसी भी समय गिरफ्तार करने के लिए खड़ी पुलिस से अब यून समर्थकों की झड़प भी हो रही है जिससे राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के साथ टकराव की संभावना बढ़ गई है। उधर पर्यवेक्षकों ने कहा कि शनिवार और रविवार को यून को गिरफ्तार करने से यून के समर्थकों का सामना करना ज्यादा जोखिम भरा हुआ है। जबकि सोमवार को वारंट को निष्पादित करना समय सीमा के बहुत करीब होगा।
शुक्रवार की सुबह जब जांचकर्ताओं ने राष्ट्रपति यून सूक योल को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तब उनके समर्थक राष्ट्रपति आवास के बाहर इकट्ठे हो गए और दक्षिण कोरिया के साथ-साथ अमेरिका के भी राष्ट्रीय झंडे लहराने लगे हैं। यून के समर्थकों के लिए, अमेरिका की एक मददगार से कहीं ज्यादा भूमिका है।उनके लिए अमेरिका एक माना हुआ आदर्श है।
यून के समर्थकों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प यून की मदद के लिए आ सकते हैं।
बता दें कि 3 दिसंबर को यून ने साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगा दिया था। हालांकि विरोध के चलते अगले दिन उसे वापस भी ले लिया। लेकिन 14 दिसंबर को इसके विरोध में नेशनल असेंबली ने यून पर महाभियोग लगा दिया था। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने के लिए नेशनल असेंबली के सदस्यों ने 204 से 85 मतों से मतदान किया था।
नेशनल असेंबली के 3 सदस्यों ने वोटिंग नहीं की थी जबकि 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए। मतदान में महाभियोग के लिए जरूरी दो-तिहाई वोट थे। असेंबली के सभी 300 सदस्यों ने अपने मत डाले। इस महाभियोग के बाद यून को राष्ट्रपति पद से निलंबित कर दिया गया था।
Updated on:
05 Jul 2025 10:18 am
Published on:
03 Jan 2025 10:52 am
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