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पाकिस्तान के संविधान में बड़ा संशोधन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के कतरे गए पर

पाकिस्तान के संविधान में एक बड़ा संशोधन पारित कर दिया गया है। इस संशोधन की वजह से देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को झटका लगा है।

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Pakistan Supreme Court

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भारत (India) के पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में रविवार आधी रात को एक संविधान संशोधन पारित किया गया, जिसके तहत देश के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायाधीश) को एक बड़ा झटका देते हुए उसके पर कतर दिए गए हैं। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि ऐसा कैसे किया गया? दरअसल पाकिस्तान के संविधान में एक संशोधन करते हुए देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के कार्यकाल को अधिकतम तीन साल तक के लिए सीमित करने का फैसला लिया गया है।

विशेष 12 सदस्यीय आयोग का होगा गठन

पाकिस्तान के संविधान में किए गए इस 26वें संशोधन के अनुसार अब सुप्रीम कोर्ट के तीन वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से शीर्ष न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए एक विशेष 12 सदस्यीय आयोग के गठन का प्रावधान है, जो कि दो तिहाई बहुमत से इसका फैसला लेगा। अभी तक सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश ही यह पद ग्रहण करता था। इस नाम को प्रधानमंत्री के ज़रिए अनुशंसा के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, संसद में भी हुआ पास

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सोमवार को संविधान में 26वें संशोधन अधिनियम, 2024 को अपनी मंजूरी दे दी। इसके पहले यह संसद के दोनों सदनों - सीनेट और नेशनल असेंबली में दो तिहाई बहुमत से पारित किया गया, जहाँ इसे बहुमत के लिए जरूरी संख्या से सिर्फ एक वोट ज़्यादा मिला।

सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की नियुक्ति के लिए भी आयोग

संविधान में किए गए संशोधन के अनुसार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति का प्रबंधन चीफ जस्टिस के नेतृत्व में एक आयोग द्वारा किया जाएगा। इस आयोग में चार वरिष्ठ न्यायाधीश, संघीय कानून मंत्री, अटॉर्नी जनरल और नेशनल असेंबली और सीनेट के दो-दो प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके साथ ही बार काउंसिल का एक प्रतिनिधि भी शामिल होगा, जिसके पास कम से कम 15 साल का अनुभव हो। इस तरह से यहाँ भी सिविल नेतृत्व को प्राथमिकता दी गई है। गौरतलब है कि यही आयोग सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट्स में संवैधानिक पीठों और न्यायाधीशों की संख्या निर्धारित करेगा।

मसूर अली शाह की रुकेगीराह

26वें संविधान संशोधन विधेयक के कानून बनने के साथ ही अब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट मे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश मसूर अली शाह को वर्तमान चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा की जगह नहीं मिलेगी, जो 25 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होगा।

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