
सुशीला कार्की (फोटो- एक्स अकाउंट @RONBupdates)
Sushila Karki will Nepal PM: नेपाल की राजनीति में लंबे सस्पेंस का अंत हो गया। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री की शपथ ले ली है। कार्की ने राष्ट्रपति भवन में पीएम पद की शपथ ली है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल द्वारा शपथ दिलाई गई। सुशीला कार्की के अंतरिम मंत्रिमंडल में कोई मंत्री शामिल नहीं किया गया। यह फैसला केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद आया है, जो भ्रष्टाचार और अधिनायकवाद के खिलाफ जनरेशन जेड के हिंसक प्रदर्शनों का नतीजा है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल के बीच चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। एक संवैधानिक विशेषज्ञ ने गुमनामी की शर्त पर पुष्टि की कि कार्की को जनरेशन जेड प्रदर्शनकारियों का समर्थन प्राप्त है।
ओली सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया प्रतिबंध से भड़के प्रदर्शनों ने नेपाल को हिला दिया। इनमें 51 लोगों की मौत और 1,300 से अधिक घायल हुए। युवाओं ने भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचारियों को सजा और लोकतंत्र की बहाली की मांग की। ओली के इस्तीफे के बाद देश संकट में था, और कार्की का नाम अंतरिम नेता के रूप में उभरा। एक संवैधानिक विशेषज्ञ ने कहा, यह नियुक्ति जनता के दबाव का परिणाम है।
कार्की की न्यायिक पृष्ठभूमि उन्हें निष्पक्ष नेता बनाती है। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं। 2016 से 2017 तक उनके कार्यकाल में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसले सुनाए। वाराणसी के बीएचयू से पढ़ाई करने वाली कार्की ने नेपाली कांग्रेस नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी से विवाह किया, जो 1973 के विमान अपहरण कांड से जुड़े थे। लेकिन उनकी अपनी छवि भ्रष्टाचार विरोधी है। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने सूचना एवं संचार मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को पद पर रहते जेल भेजा, जो नेपाल इतिहास का पहला मामला था।
यह नियुक्ति नेपाल के संविधान के अनुसार अस्थायी है, जो नए चुनावों या स्थायी सरकार तक चलेगी। जनरेशन जेड के प्रदर्शनकारियों ने कार्की का स्वागत किया है, उम्मीद है कि वे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम नेपाल को स्थिरता की ओर ले जाएगा, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। ओली का इस्तीफा नेपाली कांग्रेस और अन्य दलों के बीच गठबंधन की संभावना बढ़ा सकता है। कार्की को शपथ लेने के बाद पहला काम शांति बहाली और सुधार हो सकता है।नेपाल की राजनीति में महिलाओं का यह प्रमुख पद महत्वपूर्ण है। कार्की की नियुक्ति से युवाओं में उत्साह है, लेकिन विपक्षी दलों ने सतर्कता बरतने को कहा है। यह घटना दक्षिण एशिया में लोकतंत्र की ताकत को दर्शाती है।
Updated on:
12 Sept 2025 09:50 pm
Published on:
12 Sept 2025 07:41 pm
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