
सीरिया में मस्जिद पर जुमे की नमाज के दौरान हुए बड़े हमले के बाद का नजारा। ( फोटो: X Handle/ Lindsey Snell)
Syria Blast: सीरिया के होम्स शहर में शुक्रवार को एक मस्जिद में हुए विस्फोट (Syria Mosque Attack) ने पूरे देश को हिला दिया है। इस हमले में कम से कम छह लोग मारे गए और 21 से ज्यादा घायल (Homs Blast 2025) हो गए। सरकारी मीडिया के अनुसार, यह घटना वादी अल-दहाब इलाके की इमाम अली बिन अबी तालिब मस्जिद में जुमे की नमाज (Friday Prayer Explosion) के दौरान हुई। सुरक्षा बलों ने तुरंत इलाके को घेर लिया और जांच शुरू कर दी है। विस्फोट मस्जिद के मुख्य प्रार्थना हॉल के एक कोने में हुआ, जिससे दीवार में गड्ढा हो गया और आसपास का हिस्सा जल गया। प्रार्थना की चटाइयां फट गईं, किताबें और मलबा चारों तरफ बिखर गया। अल जजीरा की ओर से सत्यापित वीडियो में लोग घबराहट में मस्जिद से भागते दिखे। कुछ घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाया गया, जबकि अन्य को कपड़े में लपेट कर एम्बुलेंस में ले जाया गया।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि यह हमला आत्मघाती बम धमाका या पहले से रखे विस्फोटक उपकरण से हुआ हो सकता है। अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन हाल के दिनों में आईएसआईएस की गतिविधियां बढ़ी हैं। होम्स में अलावी, सुन्नी मुस्लिम और ईसाइयों की मिश्रित आबादी है। यह मुख्य रूप से अलावी समुदाय की मस्जिद है, इसलिए विशेषज्ञों को डर है कि इससे पूरे सीरिया में सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है।
अल जजीरा के संवाददाता का मानना है कि नई सरकार दमिश्क में नियंत्रण बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसी घटनाएं सुरक्षा की कमजोरी दिखाती हैं। हाल ही में सीरियाई बलों ने दमिश्क के पास छापे मारे, जहां आईएसआईएस का एक बड़ा नेता पकड़ा गया और एक कमांडर मारा गया। पिछले हफ्ते अमेरिका ने भी आईएसआईएस ठिकानों पर बमबारी की थी।
यह हमला सीरिया की नाजुक स्थिति को उजागर करता है। असद शासन के गिरने के बाद से अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले बढ़े हैं। होम्स पहले भी गृहयुद्ध में सांप्रदायिक हिंसा का केंद्र रहा है। सरकारी विदेश मंत्रालय ने इसे "कायरतापूर्ण अपराध" बताया और स्थिरता बिगाड़ने की कोशिश कहा।
सुरक्षा बल जांच में जुटे हुए हैं और अपराधियों को पकड़ने का वादा किया है। घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। देश में पहले से ही तनाव है, ऐसे में यह घटना और चिंता बढ़ा रही है। आईएसआईएस के बचे हुए तत्व अभी भी सक्रिय हैं और नए नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं।
यह विस्फोट न सिर्फ जानें ले रहा है, बल्कि सीरिया के एकजुट होने की कोशिशों को झटका दे रहा है। उम्मीद है कि जांच जल्द पूरी हो और दोषियों को सजा मिले, ताकि शांति बहाल हो सके।
यह हमला बेहद निंदनीय है और निर्दोष नमाजियों पर किया गया क्रूर हमला है। अलावी मस्जिद को निशाना बनाना सांप्रदायिक विभाजन बढ़ाने की साजिश लगती है। सीरिया की नई सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अल्पसंख्यकों का भरोसा कायम रहे। आईएसआईएस जैसे संगठनों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाना जरूरी है।
बहरहाल, यह हमला सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद की अस्थिरता दिखाता है। असद के जाने के बाद अलावी समुदाय डरा हुआ है, क्योंकि कई हमले उन्हीं पर हो रहे हैं। आईएसआईएस कमजोर है, लेकिन sleeper cells से खतरा बाकी है। नई सुन्नी बहुल सरकार को सभी समुदायों को साथ लेकर चलना होगा, वरना देश फिर हिंसा की आग में जल सकता है। अंतरराष्ट्रीय समर्थन जरूरी है, लेकिन स्थानीय एकता सबसे बड़ी जरूरत है।
Updated on:
26 Dec 2025 08:18 pm
Published on:
26 Dec 2025 08:10 pm
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