
Indian External Affairs Minister S. Jaishankar with Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi (Photo - EAM's social media)
भारत (India) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के संबंधों में तेज़ी से मज़बूती आ रही है। पिछले महीने अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी (Amir Khan Muttaqi) भारत दौरे पर भी आए थे और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. jaishankar) से मुलाकात की थी। भारत ने भी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने मिशन को फिर से पूर्ण दूतावास में बदलते हुए भारतीय राजदूत की भी नियुक्ति की थी। अब तालिबान (Taliban) सरकार ने भारत के साथ मिलकर कुछ ऐसा करने की तैयारी की है जिससे पाकिस्तान (Pakistan) की टेंशन बढ़ जाएगी।
तालिबान सरकार ने भारत में अपने राजदूत की नियुक्ति करने के फैसला लिया है। यह नियुक्ति इसी महीने होगी। 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के बाद से भारत में यह किसी अफगान राजदूत की पहली नियुक्ति होगी।
तालिबान सरकार भारत में अपने दूसरे राजदूत की नियुक्ति भी जल्द ही करेगी। इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में भारत में दूसरे अफगान राजदूत की नियुक्ति संभव है। दोनों अफगान राजदूत दिल्ली में स्थित अफगानिस्तान दूतावास में काम करेंगे।
तालिबान सरकार ने भारत के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। तालिबान सरकार ने भारत को अफगानिस्तान का भरोसेमंद पार्टनर बताया है और साथ ही संबंधों में मज़बूती के सिलसिले के बने रहने की उम्मीद भी जताई है।
तालिबान सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ जाएगी। तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से ही पाकिस्तान से उसके संबध काफी खराब हो गए। समय-समय पर दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर जंग भी होती रहती है। हालांकि कुछ दिन पहले ही दोनों पक्षों ने सीज़फायर पर सहमति जताई थी, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है। ऐसे में भारत-अफगानिस्तान संबंधों में आ रही मज़बूती से न सिर्फ पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ (Shehbaz Sharif), बल्कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर (Asim Munir) की भी टेंशन बढ़ सकती है।
Updated on:
03 Nov 2025 11:04 am
Published on:
03 Nov 2025 11:02 am
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