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महिलाओं को इंसान नहीं समझते तालिबानी…मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के बैन पर भड़की तस्लीमा नसरीन

तस्लीमा नसरीन ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले पुरुष पत्रकारों में जमीर होता तो वे वहां से चले जाते।

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भारत

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Ashib Khan

Oct 11, 2025

तस्लीमा नसरीन ने मुत्ताकी की आलोचना (Photo-X @taslimanasreen)

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं होने देने के लिए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने आलोचना की है। नसरीन ने कहा- तालिबान महिलाओं को मानवाधिकार देने से इनकार करता है, क्योंकि वे महिलाओं को इंसान नहीं मानते। साथ ही उन्होंने पुरुष पत्रकारों की भी आलोचना की।

पुरुष पत्रकारों को लेकर क्या बोली नसरीन

तस्लीमा नसरीन ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले पुरुष पत्रकारों में जमीर होता तो वे वहां से चले जाते। एक्स पर पोस्ट करते हुए नसरीन ने कहा- अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्ताक़ी भारत आए और उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

तालिबान को लेकर कही ये बात

उन्होंने आगे लिखा- हालाँकि, उन्होंने किसी भी महिला पत्रकार को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी। तालिबान द्वारा अपनाए गए इस्लाम में महिलाओं से केवल घर पर रहने, बच्चे पैदा करने और अपने पति और बच्चों की सेवा करने की अपेक्षा की जाती है।

'तालिबान महिलाओं को इंसान नहीं मानते'

तस्लीमा नसरीन ने कहा- ये स्त्री-द्वेषी पुरुष महिलाओं को घर से बाहर कहीं भी नहीं देखना चाहते। वे महिलाओं को मानवाधिकार देने से इनकार करते हैं क्योंकि वे महिलाओं को इंसान नहीं मानते। अगर पुरुष पत्रकारों में ज़रा भी ज़मीर होता, तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले जाते।

बैठक के बाद हुई थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुत्ताकी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद अफ़ग़ानिस्तान दूतावास में यह प्रेस वार्ता आयोजित की गई। दोनों मंत्रियों के बीच बैठक के बाद कोई संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित नहीं की गई।

इन मुद्दों पर की बात

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुत्ताकी ने भारत-अफ़ग़ानिस्तान संबंधों, मानवीय सहायता, व्यापार मार्गों और सुरक्षा सहयोग सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर बात की। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल पुरुष पत्रकार ही मौजूद थे। वहीं महिला पत्रकारों को बाहर रखे जाने से देश भर में राजनीतिक आक्रोश फैल गया।

कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पुरुष पत्रकारों को अपनी महिला सहकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बाहर आना चाहिए था। इसके अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस पर मोदी सरकार को घेरा है। 

राहुल गांधी ने कहा- पीएम मोदी, जब आप सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं।