
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तोरखम बॉर्डर क्रॉसिंग मंगलवार, 18 मार्च 2025 को भी नहीं खुल सकी। दोनों देशों के धार्मिक, राजनीतिक और जनजातीय समुदाय के बुजुर्गों के बीच दूसरे दौर की वार्ता बेनतीजा रही। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवादित सीमा के पास अफगान बलों द्वारा निर्माण कार्य शुरू करने से तनाव बढ़ गया था, जिसके चलते यह क्रॉसिंग पिछले एक महीने से बंद थी।
हालांकि मंगलवार को बॉर्डर खुलने की पूरी उम्मीद थी, क्योंकि दोनों पक्षों ने बातचीत के बाद तोरखम व्यापार मार्ग को सभी प्रकार की आवाजाही के लिए खोलने का फैसला किया था। लेकिन 4 मार्च को स्थिति उस समय बिगड़ गई, जब क्रॉसिंग को फिर से खोलने की कोशिश नाकाम रही। इस दौरान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगान तालिबान लड़ाकों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें सीमा के पास कई सशस्त्र बलों के कर्मियों और नागरिकों की जान चली गई।
बुधवार, 19 मार्च 2025 की सुबह दोनों पक्षों के सीमा सुरक्षा अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें बॉर्डर को फिर से खोलने पर चर्चा की गई। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सैयद जवाद हुसैन काजमी ने बताया कि अफगान टीम ने काबुल में उच्च अधिकारियों से अंतिम मंजूरी के लिए समय मांगा। काजमी ने 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' से कहा, "हम अभी भी अफगानों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, जिसके चलते तोरखम सीमा को खोलने में देरी हो रही है।"
तोरखम बॉर्डर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सबसे महत्वपूर्ण क्रॉसिंग में से एक है, जहां से दोनों देशों के बीच सबसे ज्यादा व्यापार और आवाजाही होती है। इस मार्ग के बंद होने से दोनों पक्षों के व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, सीमा के 24 दिनों तक बंद रहने से ट्रांजिट ट्रेड सहित सभी तरह का व्यापार ठप रहा। इस दौरान राष्ट्रीय खजाने को कुल 72 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। लंबे समय तक बंदी ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है।
तोरखम मार्ग पर फंसे एक ड्राइवर मोहम्मद गुल ने अफगान मीडिया आउटलेट टोलोन्यूज को बताया, "यहां सैकड़ों मालवाहक ट्रक खड़े हैं। कुछ सामान पहले ही खराब हो चुका है, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारों को इस समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए।" उनकी बातों से सीमा पर फंसे लोगों की परेशानी साफ झलकती है।
तोरखम बॉर्डर पर बढ़ता तनाव और वार्ता की नाकामी दोनों देशों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। व्यापारिक नुकसान और हिंसक झड़पों के बीच यह साफ है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान को आपसी सहमति से इस विवाद को सुलझाने की जरूरत है, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं।
Published on:
19 Mar 2025 01:21 pm
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