
The worst plane crash in history till now
Plane Crash: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत (Ebrahim Raisi) होने के बाद अब फिर से इतिहास के चिराग में बंद बड़े विमान हादसों का जिन्न बाहर निकल आया है। चारों तरफ यही चर्चा हो रही है कि विमान हादसों की तादाद बढ़ती ही जा रही है और इन विमान हादसों में लाखों की संख्या में लोग मारे गए हैं। अगर बीते 50 सालों के इतिहास की बात करें तो 1974 से लेकर वर्तमान 2024 तक 30 भीषण विमान हादसे हो चुके हैं और इन दुर्घटनाओं में 7000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पायलट क्रू मेंबर्स भी शामिल हैं। हम आपको इन 50 सालों में हुए इन भीषण विमान दुर्घटनाओं के बारे में बता रहे हैं।
पहला एयर क्रैश (Plane Crash), जिसमें 200 या उससे ज्यादा लोगों की मौत हुई उसमें तुर्किए की एयरलाइन्स की फ्लाइट-981 शामिल है। इस दुर्घटना में 346 लोग मारे गए।
अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (Terrorist Attack on World Trade Center) पर जब अलकायदा के आतंकियों ने हमला किया तब न्यूयॉर्क के पूर्वी तट के हवाई अड्डों से कैलिफोर्निया के लिए अंतरमहाद्वीपीय उड़ानों पर यात्रा कर रहे 4 कॉमर्शियल विमानों को उड़ान भरने के बाद अपहरण कर लिया गया था। बाद में अल-कायदा से जुड़े 19 इस्लामी आतंकवादियों ने इन चारों विमानों को ध्वस्त करा बड़ा आतंकी हमला किया था। अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट- 11 और यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट- 175 को जानबूझकर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी और दक्षिणी टावरों से टकराया गया।
अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-77 में 184 लोग मारे गए, ये फ्लाइट वर्जीनिया के आर्लिंगटन काउंटी में पेंटागन में क्रैश हो गया था। युनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट- 93 पेंसिल्वेनिया के समरसेट काउंटी के एक मैदान में क्रैश हो गई, विमान में सवार सभी 40 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई।
27 मार्च 1977 को हुए टेनेरिफ़ हवाईअड्डे की दुर्घटना में 583 लोगों की मौत हुई थी। जो अभी तक सबसे ज्यादा संख्या में विमान यात्रियों की मौत वाली दुर्घटना (Plane Crash) बनी हुई है। स्पेन के टेनेरिफ़ के कैनरी द्वीप पर लॉस रोडियोस हवाई अड्डे पर KLM बोइंग - 747 ने उड़ान भरने का कोशिश की और टैक्सी पैन M- 747 से टकरा गया, जिसमें 583 लोगों की मौत हो गई। KLM विमान के सभी 234 यात्रियों और चालक दल के 14 सदस्यों की मौत हो गई और पैन M विमान के 396 यात्रियों और चालक दल में से 335 की मौत हो गई।
12 अगस्त 1985 को जापान एयरलाइन्स के बोइंग-747 में सवार 520 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल इस विमान को गलत तरीके से रिपेयर किया गया था, जिसकी वजह से ये उड़ान के बीच में ही खराब हो गया जिससे इसके स्टेबलाइज़र नष्ट हो गए और सभी हाइड्रोलिक लाइनों को तोड़ दिया गया। ऐसे में ये फ्लाइट बेकाबू हो गई और फिर ये पहाड़ी से जा टकराई। इस भीषण प्लेन क्रैश में चालक दल के सभी 15 सदस्यों और उसमें सवार 509 यात्रियों में से 505 की मौत हो गई थी।
12 नवंबर 1996 भारत में ये भीषण विमान हादसा हुआ। भारत के चरखी-दादरी में सऊदी फ्लाइट-763 और कजाकिस्तान एयरलाइंस फ्लाइट-1907 के बीच हवा में ही टक्कर हो गई थी। इसकी वजह ये थी कि कजाखिस्तान से उड़े विमान ने निकासी ऊंचाई से भी कम ऊंचाई पर उड़ान भरी थी। इन दोनों विमानों में सवार सभी 349 पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी। भारत में हुआ ये हादसा दुनिया का सबसे भीषण मिड एयर कोलिज़न ( मध्य हवा में टक्कर) में शामिल है। इस घटना में कोई भी नहीं बचा था।
23 जून 1985 को भारत की एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट-182, टोरंटो और मॉन्ट्रियल से लंदन और दिल्ली के रास्ते में एक बोइंग 747-237B, आयरलैंड के दक्षिण-पश्चिमी तट पर क्रैश हो गई जब कार्गो क्लास में एक बम विस्फोट हुआ। इस हादसे में सभी 307 यात्रियों और 22 चालक दल के सदस्यों समेत 329 लोगों की मौत हो गई थी। सिख चरमपंथी एम. सिंह ने फ्लाइट में बम से भरा सूटकेस फ्लाइट में रख दिया था। हैरानी की बात ये है कि इस एम. सिंह की कभी पहचान नहीं हो पाई ना ही वो पकड़ा गया। जांच एजेंसियों ने इस हमले को ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) की प्रतिक्रिया की तहत हुए हमला बताया।
19 अगस्त 1980 को सऊदी अरब एयरलाइंस की फ्लाइट- 163, लॉकहीड एल-1011, दुनिया की सबसे घातक विमान दुर्घटना (Plane Crash) बन गई। दरअसल इस फ्लाइट में रखे सामान में लगी आग से एक कोच (क्लास) में आग लग गई थी जिसके बाद केबिन क्रू दल ने रियाद में इमरजेंसी लैंडिंग की। तब तक आग उस क्लास की छत और पैसेंजर्स के केबिन तक फैल गई। जबकि केबिन क्रू इस फ्लाइट को सुरक्षित रूप से उतारने में कामयाब रहा लेकिन कैप्टन तुरंत नहीं रुका और ना ही पैसेंजर्स को निकलने का आदेश दिया। इसके बजाय वो खुद ही रनवे से उतर गया। तब तक केबिन में मौजूद सभी लोग धुएं के चलते बेहोश हो गए थे। कोई भी दरवाजा खोलने या बाहर निकलने में असमर्थ था। इस तरह विमान में सवार सभी 301 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की दम घुटने से मौत हो गई, इससे पहले कि बचाव दल कोई दरवाजा खोल पाते, तब तक विमान में आग लग गई और वह जलकर नष्ट हो गया।
17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट-17, एक बोइंग 777-200ER, जो एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर के लिए उड़ान भर रही थी, उसे क्रीमिया को यूक्रेन से अलग करने को लेकर छिड़े रूस से संघर्ष में डोनबास में युद्ध के दौरान यूक्रेन-रूसी सीमा के पास पूर्वी यूक्रेन के एक क्षेत्र में मार गिराया गया था। इस विमान में सवार सभी 298 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 283 यात्री और 15 चालक दल के सदस्य थे। चालक दल के सभी लोग मलेशियाई थे, जबकि पैसेंजर्स कई देशों से थे। इनमें ज्यादातर नीदरलैंड के थे। MH-17 घटना से पहले यूक्रेन के विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में यूक्रेनी वायु सेना (UAF) के कई और विमानों को मार गिराया गया था। हालांकि मलेशिया के विमान दुर्घटना के बाद VKontakte सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल पर डोनबास अलगाववादी मिलिशिया के नेता इगोर गिरकिन के नाम से एक पोस्ट दिखाई दी, जिसमें टोरेज़ के पास एक यूक्रेनी An-26 सैन्य परिवहन को मार गिराने की ज़िम्मेदारी का दावा किया गया था। हालांकि इस पोस्ट को उसी दिन बाद में हटा दिया गया और अलगाववादियों ने किसी भी विमान को मार गिराने से इनकार कर दिया, आपको जानकर हैरानी होगी कि इतनी बड़ी संख्या में निर्दोशों की हत्या करने वालों को आज तक कोई सजा नहीं मिली।
3 जुलाई, 1988 को, ईरान की फ़्लाइट-655 जो एक ईरानी नागरिक एयरबस A300-200 विमान था, इसे होर्मुज़ जलडमरूमध्य के ऊपर अमेरिकी नौसेना के टारगेट करने के बाद उनकी मिसाइल क्रूजर USS-विन्सेनेस की सतह से हवा में मार करने वाली दो मिसाइलों ने मार गिराया गया था। जिससे इस विमान में सवार सभी 290 यात्रियों और चालक दल की मौत हो गई।
25 मई 1979 को अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-191, मैकडॉनेल डगलस DC-10-10, शिकागो हवाई अड्डे पर रनवे से उतरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जब नंबर एक (बाएं) इंजन में खराबी आ गई थी। इससे हाइड्रोलिक लाइनें टूट गईं, जिससे विमान ने कंट्रोल खो दिया। इसकी वजह को विमान के मेंटिनेंस में लापरवाही बताई गई। इस दुर्घटना से सभी 271 यात्रियों और चालक दल के साथ-साथ जमीन पर मौजूद 2 लोगों की मौत हो गई। ये संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में सबसे घातक कॉमर्शियल प्लेन क्रैश बना हुआ है।
21 दिसंबर 1988 को पैन एम फ़्लाइट-103, एक बोइंग 747-121 जो लंदन-हीथ्रो से न्यूयॉर्क-जेएफके जा रहा था, तभी स्कॉटलैंड के लॉकरबी शहर में आतंकवादियों ने इस पर बम विस्फोट कर दिया। इससे ज़मीन पर मौजूद सभी 259 लोगों की मौत हो गई। ये ब्रिटेन में किसी विमान से जुड़ा सबसे भयानक आतंकवादी हमला और ब्रिटिश धरती पर सबसे घातक आतंकवादी हमला बन गया है।
1 सितंबर, 1983 को सोवियत इंटरसेप्टर सुखोई SU-15 ने सोवियत हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने के बाद दक्षिण कोरिया के सियोल में जिम्पो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए जा रही कोरियाई एयर लाइन्स की फ्लाइट-007 बोइंग 747-230बी को ध्वस्त कर दिया जिससे इस पर सवार सभी 269 लोगों की मौत हो गई।
12 नवंबर 2001 को अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-587, सैंटो डोमिंगो पहुंचने से पहले क्वींस, न्यूयॉर्क के बेले हार्बर पड़ोस में क्रैश हो गई। इस क्रैश में प्लेन में सवार सभी 260 लोगों के साथ-साथ ज़मीन पर मौजूद 5 लोगों की मौत हो गई थी।
26 अप्रैल 1994 को चीन की फ्लाइट -140 जापान के नागोया हवाई अड्डे पर रोजाना की तरह अपनी उड़ान पूरी कर रही थी तभी एयरबस A300B4-622R के अधिकारी ने अनजाने में टेकऑफ़/गो-अराउंड बटन दबा दिया, जिससे दम घुटने जैसी स्थिति बन गई। इससे विमान में सवार 271 लोगों में से 264 (चालक दल के 15 सदस्य और 249 यात्री) मारे गए।
11 जुलाई 1991 को, नाइजीरिया एयरवेज की फ्लाइट- 2120, डगलस डीसी-8-61 विमान, सऊदी अरब के जेद्दा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उड़ान के दौरान विमान के दोनों टायरों में आग लग गई। इसमें सभी 261 लोग मारे गए थे।
11 अप्रैल 2018 को, अल्जीरियाई वायु सेना का एक परिवहन विमान बौफारिक हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद क्रैश हो गया था। जिससे इसमें सवार सभी 257 लोगों की मौत हो गई।
28 नवंबर 1979 को एयर न्यूजीलैंड फ्लाइट 901 एक अंटार्कटिका के रॉस द्वीप पर माउंट एरेबस से टकरा गई। जिससे विमान में सवार सभी 257 लोगों की मौत हो गई।
12 दिसंबर 1985 को एक डगलस डीसी-8, एरो एयर फ़्लाइट 1285, जो क्रिसमस के लिए एक चार्टर प्लेन से अमेरिकी सैन्य कर्मियों को घर ले जा रहा था तभी ये फ्लाइट न्यूफ़ाउंडलैंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जहाज पर सवार सभी 256 लोगों की मौत हो गई।
8 मार्च 2014 को मलेशिया की बोइंग 777-200ER फ्लाइट-370 कुआलालंपुर, चीन के बीजिंग जाने के लिए उड़ी थी, लेकिन दक्षिण चीन सागर के ऊपर इस विमान ने ATC से संपर्क खो दिया, इसके बाद से आज तक इसका कुछ पता नहीं चला। माना गया कि ये फ्लाइट दक्षिणी हिंद महासागर में खो गई। इस फ्लाइट में 12 मलेशियाई चालक दल के सदस्य और 15 देशों के 227 यात्री सवार थे , इन सभी को मृत मान लिया गया है। आफको जानकर हैरानी होगी कि अब तक इस विमान का कुछ पता नहीं चल पाय़ा है, हालांकि विमान का मलबा हिंद महासागर के आसपास के समुद्र तटों से बरामद किया गया है।
26 सितंबर 1997 को A300B4-220, गरुड़ इंडोनेशिया फ्लाइट 152, जो जकार्ता, इंडोनेशिया से रवाना हुई थी वो मेदान, उत्तरी सुमात्रा में उतरने से पहले ही पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में सभी 234 लोगों की मौत हो गई।
2 सितंबर 1998 को मैकडॉनेल डगलस एमडी-11, स्विसएयर फ्लाइट 111, न्यूयॉर्क शहर से जिनेवा, स्विट्जरलैंड ले जा रही थी। तभी कनाडा के नोवा स्कोटिया के हैलिफ़ैक्स के पास अटलांटिक महासागर में ये फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे उसमें सवार सभी 229 लोगों की मौत हो गई।
6 अगस्त 1997 को, बोइंग 747-3B5, कोरियाई एयर फ़्लाइट 801, अमेरिका के गुआम क्षेत्र में एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार 254 लोगों में से 228 लोग मारे गए।
25 मई 2002 को चीन की फ्लाइट 611, हांगकांग पहुंचने से पहले चियांग काई-शेक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ताइवान जलडमरूमध्य में क्रैश हो गई। इसमें 206 यात्रियों और 19 चालक दल के सदस्यों समेत 225 लोगों की मौत हो गई।
31 अक्टूबर 2015 को एक एयरबस A321-231, मेट्रोजेट फ्लाइट 9268, शर्म अल-शेख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, मिस्र से निकलने के बाद पुलकोवो हवाई अड्डे, सेंट पीटर्सबर्ग, रूस के रास्ते में सिनाई प्रायद्वीप में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिससे जहाज पर सवार सभी 224 लोग मारे गए। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIS) ने इस फ्लाइट में बम विस्फोट करने की जिम्मेदारी ली।
26 मई 1991 को बोइंग 767-3Z9ER, लॉडा एयर फ़्लाइट 004, विमान के एक इंजन पर थ्रस्ट रिवर्सर की अनकमांड तैनाती के चलते थाईलैंड के एक दूरदराज के इलाके में हवा में क्रैश हो गया, जिससे उसमें सवार सभी 223 लोगों की मौत हो गई।
31 अक्टूबर 1999 को मिस्र की फ्लाइट बोइंग 767-366ER, लॉस एंजिल्स से काहिरा आते वक्त जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट पर उतरते वक्त क्रैश हो गई। इसमें सभी 217 लोगों की मौत हो गई।
1 जनवरी 1978 को भारत की बोइंग 747-237बी, एयर इंडिया की फ्लाइट 855, तत्कालीन बंबई (मुंबई) के तट से कुछ दूर अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें सवार सभी 213 लोग मारे गए।
16 फरवरी 1998 को चीन की A300B4-622R, फ्लाइट- 676, इंडोनेशिया के बाली में नगुराह राय से चियांग काई-शेक एयरपोर्ट (अब ताओयुआन), ताइवान के रास्ते में एक सड़क और आवासीय क्षेत्र में क्रैश हो गई। ताइवान के ताओयुआन में 182 यात्रियों, 14 चालक दल और जमीन पर 6 लोगों समेत 202 की मौत हो गई। इसकीवजह पायलट का प्लेन से कंट्रोल खोना था.
10 जुलाई 1985 को उज्बेकिस्तान की टुपोलेव टीयू-154बी-2, एअरोफ़्लोत फ्लाइट 7425, उचकुडुक, उज़्बेक SSR, सोवियत संघ के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें सभी 200 लोग मारे गए। जांच में पता चला कि एयर क्रू ने गलत तरीके से कम एयरस्पीड का इस्तेमाल किया जिससे ये भयानक हादसा हो गया।
Updated on:
23 May 2024 04:58 pm
Published on:
23 May 2024 04:53 pm
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