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कभी थी दूसरे बच्चे के जन्म पर रोक, अब बच्चों के लिए तरसा यह देश

भारत के पड़ोसी देश में एक समय दूसरे बच्चे के जन्म पर रोक थी। अब ऐसा समय आ गया है कि जन्मदर कम होने की वजह से यह देश बच्चों के लिए तरस गया है। कौनसा देश है यह? आइए नज़र डालते हैं।

भारत

Tanay Mishra

Jul 05, 2025

Newborn kid
Newborn kid (Representational Photo)

भारत (India) का एक पड़ोसी देश एक समय पर जनसंख्या के मामले में सबसे आगे था। साथ ही इस देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसे में अर्थव्यवस्था पर बोझ न पड़े, इसलिए इस देश में एक समय पर दूसरे बच्चे के जन्म पर रोक लगी हुई थी। हालांकि अब हालात बदल चुके हैं। जनसंख्या के मामले में यह देश अब दूसरे नंबर पर आ गया है और जन्म-दर भी काफी कम हो गई है। मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि यहाँ किस देश की बात हो रही है? हम बात कर रहे हैं चीन (China) की।

बच्चों के लिए तरस रहा चीन

चीन में अब बच्चों की किल्लत हो गई है और वो बच्चों के लिए तरस रहा है। कभी ‘वन-चाइल्ड पॉलिसी’ थोपने वाला चीन अब बच्चों की जन्म-दर जो बढ़ाने के लिए देशवासियों को प्रोत्साहित कर रहा है।

चीन की नई योजना!

चीन में नवजात शिशुओं के जन्म पर सालाना 3,600 युआन (करीब 42,000 रुपए) सीधे माता-पिता को देने की योजना बनाई जा रही है। यह रकम तीन साल तक दी जाएगी और 1 जनवरी 2025 या उसके बाद जन्मे बच्चों पर लागू होगी। फिलहाल इस योजना की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह पूरे देश में लागू होगी।


योजना से क्या होगा फायदा?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ जन्म-दर बढ़ेगी, बल्कि बच्चों की परवरिश के लिए माता-पिता को सहायता राशि भी मिलेगी। इससे चीन में बच्चों की कमी की समस्या दूर हो सकती है।


लगातार घट रही जन्म-दर

चीन में जन्म-दर लगातार घट रही है। 2016 में जहाँ 1.88 करोड़ बच्चों का जन्म हुआ था, 2024 में यह संख्या घटकर 99.4 लाख रह गई। चीन की जनसंख्या लगातार तीन साल से घट रही है और चीन की सरकार के लिए यह एक चिंता का विषय है।