
India UK FTA
India-Britain trade agreement: भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील ( FTA ) फिर से शुरू हो रही है। इस एग्रीमेंट (trade deal) से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे, जिससे भारतीय कृषि उत्पादों, ऑटोमोटिव और सेवा क्षेत्र को ब्रिटेन (Britain) के बाजार में नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, ब्रिटेन से तकनीकी सहयोग और निवेश की संभावना भी बढ़ जाएगी, जिससे भारत (India) के उद्योगों में विकास होगा। इस समझौते से छोटे और मँझोले व्यापारियों को भी लाभ होगा। वहीं भारत की GDP में भी वृद्धि होने की संभावना है और व्यापारिक संतुलन में सुधार हो सकता है। कुल मिला कर, यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक विकास में योगदान देगा। ब्रिटेन में लगभग 1.5 मिलियन (15 लाख) भारतीय मूल के लोग (population) रहते हैं। यह संख्या ब्रिटेन की कुल जनसंख्या का लगभग 2.5% के करीब है। भारतीय समुदाय ( Indian Community) ब्रिटेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह व्यापार, शिक्षा, राजनीति, स्वास्थ्य, और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की बातचीत 23 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए किया गया था। इसके जरिये व्यापार को बढ़ावा देने, टैरिफ और निर्यात-निवेश को सरल बनाने का लक्ष्य था।
अब तक हुई बातचीत दिसंबर 2023 तक 13 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है। इस दौरान दोनों देशों ने कई विषयों पर चर्चा की, जिसमें व्यापारिक सुविधाएं, निवेश, टेक्नोलॉजी, कृषि, और सेवा क्षेत्र की नीतियाँ शामिल थीं। लेकिन 2024 में ब्रिटेन में आम चुनाव की वजह से बातचीत में एक ब्रेक आ गया था। अब फिर से ये वार्ताएं शुरू हो रही हैं।
ऑटोमोटिव और वाहन उद्योग: भारत और ब्रिटेन के बीच ऑटोमोटिव सेक्टर में सहयोग को बढ़ावा दिया गया है। इसमें वाहनों और उनके पार्ट्स के निर्यात को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई है।
कृषि उत्पाद: भारतीय कृषि उत्पादों जैसे फल, सब्जियां, मसालों और अन्य उत्पादों के लिए ब्रिटेन के बाजार में बेहतर एक्सपोर्ट सुविधाओं पर सहमति बनी है।
सेवा क्षेत्र: भारत और ब्रिटेन ने सेवा क्षेत्र में, जैसे IT, शिक्षा, और वित्तीय सेवाओं में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं।
टैरिफ में कमी: दोनों देशों के बीच टैरिफ कम करने की प्रक्रिया पर सहमति बनी है, ताकि व्यापार को और सुगम बनाया जा सके।
डिजिटल व्यापार और डेटा सुरक्षा: भारत और यूके के बीच डिजिटल व्यापार के लिए मजबूत कानूनों और डेटा प्रोटेक्शन को लेकर स्पष्टता नहीं बनी है।
समझौते के उल्लंघन पर दंड: दोनों देशों के बीच किसी भी तरह के व्यापारिक उल्लंघन पर दंड की प्रक्रिया और उसके लागू होने के तरीके पर भी अभी चर्चा जारी है।
भारत को इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से कई बड़े फायदे हो सकते हैं, जिनका विस्तृत विवरण यह है:
निर्यात में वृद्धि: ब्रिटेन के साथ व्यापारिक बाधाएं हटाने से भारतीय उत्पादों का ब्रिटेन में निर्यात बढ़ेगा। खासकर भारतीय कृषि उत्पादों जैसे फल, सब्जियां, मसाले, और खास वस्त्रों को ब्रिटेन के बाजार में आसानी से प्रवेश मिलेगा।
नई नौकरियों का सृजन: जब भारत ब्रिटेन से व्यापार बढ़ाएगा, तो इससे भारतीय उद्योगों में नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा इससे छोटे और मझोले व्यापारियों को भी लाभ होगा।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: ब्रिटेन से तकनीकी सहयोग और निवेश के लिए बेहतर मौके मिलेंगे। इससे भारतीय उद्योगों को नई तकनीक और औद्योगिक विकास में मदद मिलेगी।
सेवा क्षेत्र में अवसर: भारत के IT और सेवा क्षेत्र को ब्रिटेन के बाजार में और बेहतर अवसर मिलेंगे, जिससे भारतीय कंपनियां नई परियोजनाओं और निवेशों के लिए तैयार हो सकेंगी।
शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग: ब्रिटेन के साथ शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। ब्रिटेन में भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए नए अवसर खुलेगें, और इसके साथ ही ब्रिटेन से भारत में शैक्षिक सहयोग बढ़ेगा।
आर्थिक विकास: फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत के GDP में वृद्धि होने की संभावना है। व्यापारिक सहयोग और निवेश को बढ़ावा मिलने से देश की अर्थव्यवस्था को एक बढ़ावा मिलेगा।
व्यापारिक संतुलन में सुधार: ब्रिटेन के साथ बेहतर व्यापारिक समझौते से भारत का व्यापारिक संतुलन बेहतर हो सकता है, क्योंकि ब्रिटेन भारतीय उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ( Keir Starmer) ने भी यूके और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का समर्थन किया है। उनका मानना है कि भारत के साथ एक मजबूत व्यापार समझौता महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर उत्पन्न कर सकता है, जिससे नौकरी का सृजन होगा और यूके की पोस्ट-ब्रेक्सिट आर्थिक रणनीति को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का रुख स्पष्ट है कि FTA न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर और मजबूत करेगा। इस समझौते को भारत के विकास और समृद्धि के लिए अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के महत्व को कई बार रेखांकित किया है। मोदी का मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा और व्यापार को बढ़ावा देगा। उन्होंने इसे भारत के लिए एक रणनीतिक कदम बताया है, जो वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूती प्रदान करेगा।
बहरहाल भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से दोनों देशों को व्यापक रूप से लाभ हो सकता है। यह समझौता न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के आर्थिक और सामाजिक संबंध और मजबूत करेगा।
Updated on:
24 Feb 2025 12:31 pm
Published on:
24 Feb 2025 12:27 pm
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