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Tariff के मुद्दे को ट्रंप के सलाहकार ने जाति से जोड़ा, कहा- ‘ब्राह्मण, भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं’

Trump Tariff: पीटर नवारो ने टैरिफ के मुद्दे को भारत की जातीय परंपरा से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण दूसरे भारतीय की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं। इसके साथ ही, मोदी के चीन दौरे पर भी अमेरिका को मिर्ची लगी है।

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Peter Navarro's statement on India

पीटर नवारो का भारत पर बयान (फोटो-IANS)

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो (Peter Navarro) ने टैरिफ और रूसी तेल खरीद के मुद्दे को भारत की जातीय राजनीति से जोड़ा है। नवारो ने कहा कि ब्राह्मण, दूसरे भारतीय की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं। हमें इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को इसे समझना होगा।

मोदी-पुतिन और जिनपिंग की तिकड़ी से लगी मिर्ची

पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग SCO मीटिंग में हिस्सा लेंगे। चीन और रूस के करीब जाने पर नवारो को मिर्ची लगी है। नवारो ने कहा कि मोदी एक महान नेता हैं। मुझे समझ नहीं आता कि जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, तो वह पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों घुल-मिल रहे हैं।

शांति का रास्ता आंशिक रूप से भारत से होकर गुजरता है

अमेरिकी डिप्लोमैट और राष्ट्रपति ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने कुछ दिनों पहले भारत का रूसी तेल खरीदने पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत ने रूसी तेल खरीदकर जंग को बढ़ावा देने का काम किया है। अगर भारत अपना रुख जारी रखता है तो अमेरिका और भी अधिक कड़े कदम उठाएगा। उन्होंने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि रूस-यूक्रेन जंग में शांति का रास्ता आंशिक रूप से भारत से होकर गुजरता है।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ को बेहद आसानी तरीके से कम किया जा सकता है। यदि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे तो 25 फीसदी टैरिफ घट जाएगा। मोदी एक महान नेता हैं। भारत बड़ा लोकतंत्र है। उसे बेहद समझदार लोग चला रहे हैं। उन्होंने टैरिफ को लेकर कहा था कि भारतीय घमडीं है। वह कहते हैं कि ये हमारी संप्रभुता का मामला है। जब हम चाहें, किसी से भी तेल खरीद सकते हैं।

संरक्षणवादी अर्थशास्त्री हैं नवारो

पीटर नवारो घोर संरक्षणवादी अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने हावर्ड से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। साथ ही 'डेथ बाय चाइना' नामक पुस्तक लिखी है। नवारो को चीन विरोधी अमेरिकी डिप्लोमैट के तौर पर देखा जाता है। वह रिचर्ड निक्सन और हेनरी किसिंजर के परंपरा के माने जाते हैं।