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 Badar Khan Suri: भारतीय छात्र के डिपोर्टेशन मामले में ट्रंप सरकार को लगा झटका, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

Badar Khan Suri: अमेरिका के बॉर्डर सिक्योरिटी हेड और विदेश मंत्री ने सीधे-सीधे बदर खान सूरी पर अमेरिका विरोधी एजेंडा का समर्थन करने और हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया है।

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भारत

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Ashib Khan

Mar 22, 2025

भारतीय छात्र बदर खान सूरी

भारतीय छात्र बदर खान सूरी

Badar Khan Suri: अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में रिसर्चर के तौर पर काम कर रहे भारतीय छात्र बदर खान सूरी के डिपोर्टेशन पर अमेरिकी कोर्ट ने रोक लगा दी। अमेरिका के वर्जीनिया राज्य के अलेक्जेंड्रिया में जिला न्यायाधीश पेट्रीसिया जाइल्स के तीन पैराग्राफ का यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि अदालत इसे हटा नहीं देती। बता दें कि सूरी अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर रह रहे हैं।

हमास से संबंध रखने का लगा था आरोप

अमेरिका के बॉर्डर सिक्योरिटी हेड और विदेश मंत्री ने सीधे-सीधे बदर खान सूरी पर अमेरिका विरोधी एजेंडा का समर्थन करने और हमास से संबंध रखने का आरोप लगाया है।

‘पत्नी के कारण सूरी को किया गिरफ्तार’

वहीं दूसरी ओर सूरी की याचिका में कहा गया है कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और कोई आपराधिक आरोप नहीं लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि उनकी पत्नी मफेज सालेह के कारण सूरी को गिरफ्तार किया गया, जिस पर कथित रूप से हमास से संबंध रखने के आरोप हैं। सालेह के पिता अहमद यूसुफ कथित तौर पर हमास नेतृत्व के वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार थे। अहमद यूसुफ को एक विकिपीडिया पेज में हमास के संस्थापक शेख अहमद यासीन का शिष्य बताते हुए यूसुफ को हमास का पश्चिम का द्वार बताया है।

पहले ये छात्र आए डिपोर्टेशन के टारगेट पर

बदर खान सूरी से पहले कोलंबिया के महमूद खलील, भारत की रंजनी श्रीनिवासन और ब्राउन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. राशा अलावीह अमेरिका में डिपोर्टेशन अधिकारियों अधिकारियों के निशाने पर आ चुके हैं। खलील और श्रीनिवासन पर हमास समर्थक होने का आरोप है, जबकि डॉ. अलावीह को हिजबुल्लाह नेताओं से सहानुभूति रखने के कारण निर्वासित किया गया है।

ट्रंप के 100 से अधिक फैसलों को चुनौती

अमेरिकी राष्ट्रपति डोलान्ड ट्रंप और उनके प्रशासन द्वारा में हाल में लिए गए कई फैसलों को चुनौती देने वाले 100 से अधिक मुकदमे संघीय अदालतों में चल रहे हैं। दर्जनों मामलों में फैसले जारी हुए हैं। इनमें से कई ऐसे जज भी हैं जो डेमोक्रेटिक राष्ट्रपतियों द्वारा नियुक्त नहीं किए गए हैं, जैसे ट्रंप द्वारा जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने, कई एजेंसियों की संघीय फंड को फ्रीज करना, विभिन्न सरकारी अधिकारियों को हटाने और सेना में ट्रांसजेंडर सैनिकों पर प्रतिबंध लगाने जैसे मामले। हाल में सबसे चर्चित मामला वेनेजुएला के कुछ कथित अपराधियों को डिपोर्टेशन का है, जो कि अदालत की रोक के बावजूद डिपोर्ट कर दिए गए।

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ट्रंप की सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सु्प्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से अपील करते हुए अदालतों द्वारा रोके जा रहे उनके फैसलों के खिलाफ चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि अगर यह तुरंत नहीं रोका गया तो देश गंभीर संकट में आ सकता है।