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वेनेजुएला के नागरिकों को अमेरिका से क्यों निकाला गया, White House ने उन्हें जघन्य राक्षस और आतंकवादी बताया

Venezuelan Migrants: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने 2020 में "ट्रेन डे अरागुआ" गिरोह से जुड़े होने के शक में कई वेनेज़ुएला शरणार्थियों को एल साल्वाडोर निर्वासित किया था।

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भारत

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MI Zahir

Mar 21, 2025

Venezuelan Migrants

Venezuelan Migrants

Venezuelan Migrants: अमेरिका के व्हाइट हाउस (White House) ने एल साल्वाडोर ((El Salvador) ) में निर्वासित किए गए वेनेजुएला के नागरिकों (Venezuelans) को "जघन्य राक्षस" और आतंकवादी कहा है, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं दिए हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने इन लोगों को आपराधिकगिरोह से जुड़ा हुआ मानते हुए निर्वासित किया है, हालांकि टैटू (tattoos) को इसका आधार बताया गया है। हालांकि, अब तक उनकी पहचान या उनके कथित अपराधों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक दस्तावेज जारी किया है, जिसमें दावा किया गया कि ये व्यक्ति "ट्रेन डे अरागुआ" गिरोह से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन इसके बारे में कोई ठोस सुबूत पेश नहीं किए गए हैं।

कुछ शरणार्थियों के शरीर पर टैटू हैं, जो व्यक्तिगत जीवन अनुभव दर्शाते हैं

वेनेजुएला के कुछ शरणार्थियों के शरीर पर टैटू हैं, जो उनके व्यक्तिगत जीवन और अनुभव दर्शाते हैं, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इन्हें आपराधिक गिरोह से जुड़ी पहचान के रूप में देखा। उदाहरण के तौर पर एल साल्वाडोर भेजे गए फ्रेंको जोस कैराबेलो टियापा के शरीर पर कई टैटू थे, जिनमें एक गुलाब और एक रेजर ब्लेड शामिल थे। उनके वकील ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये टैटू गिरोह से संबंधित नहीं हैं, बल्कि व्यक्तिगत पसंद हैं।

"वह एक सामान्य बच्चा है… उसे टैटू पसंद हैं - बस इतना ही

शक करने पर उनके वकील मार्टिन रोसेनो कहते हैं, "वह एक सामान्य बच्चा है… उसे टैटू पसंद हैं - बस इतना ही।" उन्होंने कहा, "वेनेजुएला में गिरोह का अध्ययन करने वाले सभी विशेषज्ञों ने कहा है कि गिरोह के सदस्यों से जुड़े कोई टैटू नहीं हैं। यह मध्य अमेरिकी एमएस-13 गिरोह की तरह नहीं है, जहां टैटू उनके संगठन में प्रासंगिक हैं।"

"ट्रेन डे अरागुआ" को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था

अमेरिकी अधिकारियों ने इन्हें "निर्वासन योग्य" के रूप में चिह्नित किया और बताया है कि वे "ट्रेन डे अरागुआ" के सदस्य हो सकते हैं, लेकिन इस गिरोह से जुड़ी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने "ट्रेन डे अरागुआ" को पिछले महीने विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन व्यक्तियों को एलियन एनिमीज एक्ट के तहत निर्वासित किया, जिनका उनके देश की सुरक्षा के लिए खतरा होने का अनुमान था।

क्या टैटू को गिरोह से जुड़ी पहचान के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए ?

अल सल्वाडोर भेजे गए वेनेज़ुएला के अन्य नागरिकों ने बताया कि वे केवल अपने देश की खराब स्थिति से बचने के लिए वहां पहुंचे थे। कई शरणार्थियों के शरीर पर टैटू थे, जैसे "परिवार" और "भाई", जो उनके व्यक्तिगत जीवन के प्रतीक थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इसे गिरोह से जुड़ी पहचान के रूप में ही लिया। इन घटनाओं ने यह सवाल पैदा होता है कि क्या टैटू को गिरोह से जुड़ी पहचान के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए, जबकि इन टैटू का असल उद्देश्य केवल व्यक्तिगत यादें और सम्मान हो सकते हैं।

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