
अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप। (फोटो: एएनआई )
Trump Government Shutdown: अमेरिका में सरकारी शटडाउन (Trump Government Shutdown) का संकट गहरा गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे एक सुनहरा मौका बना लिया है। वे फैडरल वर्कर्स (Federal Job Cuts USA) की हजारों नौकरियां खत्म करने की धमकी दे रहे हैं। साथ ही, डेमोक्रेट्स के पसंदीदा प्रोग्राम्स पर 'अटल' कटौती (Democrat Programs Cut) की बात कर रहे हैं। यह सिर्फ बजट (Budget Crisis America) की लड़ाई नहीं, बल्कि राजनीतिक बदले की जंग लग रही है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम सरकारी खर्च कम करने के लिए जरूरी है, लेकिन आलोचक इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रहे हैं। आइए, इसकी पूरी कहानी समझते हैं। अमेरिकी कांग्रेस में बजट बिल पास न होने से 1 अक्टूबर की आधी रात से सरकारी कामकाज ठप हो गया। रिपब्लिकन्स और डेमोक्रेट्स के बीच मतभेद इतने गहरे हैं कि कोई समझौता नहीं हो पा रहा। डेमोक्रेट्स हेल्थकेयर सब्सिडी बढ़ाने और मेडिकेड कटौती रोकने की मांग कर रहे हैं। वहीं, ट्रंप पक्ष खर्च घटाने पर अड़ा हुआ है।
इससे लाखों सरकारी कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं। ज्यादातर को बिना पैसे के काम करना पड़ रहा है या छुट्टी पर भेज दिया गया है। लेकिन ट्रंप ने इसे सामान्य फर्लो (अस्थायी छुट्टी) से आगे बढ़ा दिया। व्हाइट हाउस के बजट चीफ रस वॉट ने एजेंसीज को 'रिडक्शन इन फोर्स' प्लान बनाने का आदेश दिया। मतलब, शटडाउन के दौरान नौकरियां हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं। यह पुराने शटडाउन से बिल्कुल अलग है, जहां कर्मचारी बाद में वापस लौट आते थे।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर डेमोक्रेट लीडर्स चक शुमर और हकीम जेफरीज का मजाक उड़ाया। एक वीडियो में जेफरीज को मेक्सिकन दिखाकर तंज कसा गया, जिसे नस्लवादी बताया जा रहा है। वाइस प्रेसीडेंट जेडी वेंस ने इसे 'मजाक' कहा, लेकिन विवाद बढ़ गया।
ट्रंप प्रशासन का प्लान साफ है – जो प्रोग्राम ट्रंप की प्राथमिकताओं से मेल नहीं खाते, वे कटेंगे। पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) और एजुकेशन डिपार्टमेंट जैसे विभागों को 'नॉन-एसेंशियल' घोषित करने की बात हो रही है। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी करोलिन लीविट ने कहा, "फायरिंग्स इमिनेंट हैं" यानी छंटनी तुरंत शुरू हो सकती है।
ओएमबी डायरेक्टर वॉट ने हाउस रिपब्लिकन्स को बताया कि 1-2 दिनों में ही हजारों कर्मचारियों की छंटनी शुरू हो जाएगी। यह सिर्फ फेडरल वर्कर्स तक सीमित नहीं। ट्रंप ने कहा कि इससे सरकारी सिस्टम को 'ट्रिम' किया जा सकेगा, जो सामान्य तरीके से संभव नहीं। लेकिन यूनियंस ने कोर्ट में केस दायर कर दिया है। उनका दावा है कि यह कानून का उल्लंघन है। शटडाउन के दौरान फायरिंग की पावर सीमित होती है, फिर भी ट्रंप इसे लिवरेज बना रहे हैं। कई एजेंसीज की वेबसाइट्स पर 'रैडिकल लेफ्ट डेमोक्रेट्स' शटडाउन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट और फॉरेस्ट सर्विस जैसी जगहों पर ऐसे मैसेज दिख रहे हैं।
ट्रंप का असली टारगेट डेमोक्रेट्स के कोर प्रोग्राम्स हैं। न्यूयॉर्क के $18 बिलियन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स – जैसे सबवे और हडसन टनल – को होल्ड पर डाल दिया गया। यह शुमर और जेफरीज के होमटाउन का प्रोजेक्ट है। वॉट ने इसे 'अनकॉन्स्टिट्यूशनल DEI' फंडिंग बताया।
क्लाइमेट फंडिंग में भी कटौती हो रही है, जो ज्यादातर डेमोक्रेट-लेड स्टेट्स को प्रभावित करेगी। ट्रंप ने कहा कि इससे डेमोक्रेट्स को 'पेन' महसूस होगा, जिससे वे झुक जाएंगे। लेकिन डेमोक्रेट्स पीछे नहीं हट रहे। शुमर ने चेतावनी दी थी कि शटडाउन ट्रंप को सरकारी सर्विसेज को तेजी से नष्ट करने का मौका देगा।
उधर यह कटौती 'इर्रिवर्सिबल' बताई जा रही हैं, यानी एक बार कट गईं तो वापस लाना मुश्किल। ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि इससे बजट बैलेंस होगा, लेकिन आलोचक इसे राजनीतिक सजा बता रहे हैं।
शटडाउन से नेशनल पार्क्स बंद हो सकते हैं, टैक्स रिफंड रुक सकते हैं। लाखों फैमिलीज प्रभावित होंगी। फेडरल वर्कर्स के लिए यह सिर्फ छुट्टी नहीं, बल्कि करियर का संकट है। एक वर्कर ने कहा, "ट्रंप हमें पर्सनल स्कोर सेटल करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।"
कितना चलेगा यह शटडाउन? कोई नहीं जानता। 1995-96 का 21 दिन का शटडाउन याद है, जब क्लिंटन के समय हुआ था। ट्रंप ने OAN इंटरव्यू में कहा कि वे शटडाउन नहीं चाहते, लेकिन डेमोक्रेट्स को 'समझाना' जरूरी है। व्हाइट हाउस का कहना है कि अगर डेमोक्रेट्स मान जाएं, तो सब ठीक हो जाएगा।
सवाल यह है – क्या यह लोकतंत्र की जीत होगी या हार? ट्रंप की यह स्ट्रैटेजी कांग्रेस को दबाव में ला रही है, लेकिन पब्लिक बैकलैश का खतरा भी है। फिलहाल, अमेरिका की आर्थिक घड़ी रुक सी गई है।
बहरहाल ट्रंप का यह दांव जोखिम भरा है। एक तरफ सरकारी साइज कम करने का सपना, दूसरी तरफ राजनीतिक तूफान। डेमोक्रेट्स अगर टिके रहे, तो शटडाउन लंबा खिंच सकता है। अमेरिकी जनता को उम्मीद है कि जल्द कोई समाधान निकले। यह घटना अमेरिकी पॉलिटिक्स की कड़वी सच्चाई दिखा रही है – जहां बजट से ज्यादा पावर गेम चल रहा है।
Published on:
02 Oct 2025 07:50 pm
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