8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Russia-Ukraine War ख़त्म कराने की पहल में कूदे ट्रंप, ज़ेलेंस्की सिर्फ पुतिन से सीधे बातचीत को तैयार

Trump Russia-Ukraine peace talks: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रस्तावित यूक्रेन-रूस शांति वार्ता में शामिल होने की पेशकश की है। ,

2 min read
Google source verification

भारत

image

MI Zahir

May 13, 2025

Trump Russia-Ukraine Peace Talks

Trump Russia-Ukraine Peace Talks

Trump Russia-Ukraine peace talks: रूस -यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच अब कूटनीतिक मोर्चे पर हलचल तेज हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) ने मध्यस्थ की भूमिका निभाने की इच्छा (Trump Ukraine Russia talks) जताई है, जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Zelensky) ने साफ कर दिया है कि शांति वार्ता के लिए वह बातचीत (Turkey Ukraine peace summit) केवल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Zelensky Putin meeting) से करेंगे,किसी और रूसी प्रतिनिधि से नहीं। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की गुरुवार को तुर्की में बातचीत के लिए केवल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश, लेकिन मास्को चुप

व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने "न्यायसंगत और स्थायी समाधान" की दिशा में बातचीत को गति देने के लिए तुर्की में प्रस्तावित वार्ता में भाग लेने की पेशकश की है। हालांकि रूस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रतिक्रिया नहीं आई है कि वह इस वार्ता में किस स्तर पर या किन शर्तों पर शामिल होगा।

ज़ेलेंस्की की स्पष्ट शर्त: केवल पुतिन से बात

यूक्रेनी राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार ने रॉयटर्स को बताया कि ज़ेलेंस्की गुरुवार को तुर्की में प्रस्तावित वार्ता में सिर्फ राष्ट्रपति पुतिन के साथ आमने-सामने की बैठक चाहते हैं। उनका मानना है कि रूस की निर्णय-निर्माण की शक्ति केवल क्रेमलिन प्रमुख के पास है, इसलिए अन्य प्रतिनिधियों से बात "समय की बर्बादी" होगी।

संभावित वार्ता का भविष्य अनिश्चित

जहां एक ओर ट्रंप का हस्तक्षेप कुछ अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के लिए "सकारात्मक संकेत" हो सकता है, वहीं विश्लेषकों का मानना है कि अगर रूस इस प्रस्ताव को हल्के में लेता है या ज़ेलेंस्की की शर्तें नहीं मानता, तो यह शांति वार्ता शुरू होने से पहले ही विफल हो सकती है।

ये भी पढ़ें: Operation Sindoor से समंदर में कांपा पाकिस्तान, ट्रिगर पर थी इंडियन नेवी की नजर, मुनीर की माफी से रुका युद्ध