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मादुरो का भी होगा सद्दाम हुसैन जैसा हाल ? ट्रंप ने दिया देश छोड़ने का अल्टीमेटम

Maduro Ultimatum: ट्रंप ने मादुरो को फोन पर देश तुरंत छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है, वहीं परिवार सहित सुरक्षित निकासी का भी ऑफर दिया है।

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भारत

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MI Zahir

Dec 01, 2025

Maduro Ultimatum

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो। (फोटो: पत्रिका नेटवर्क.)

Maduro Ultimatum: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को एक कड़ा अल्टीमेटम (Trump Maduro Ultimatum) जारी किया है, जिसमें फौरन देश छोड़ने के बदले सुरक्षित रास्ता देने की पेशकश की गई है। मादुरो ने कथित रूप से इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया (Maduro Safe Passage Rejection) और वैश्विक क्षमा और सेना पर अपना नियंत्रण बनाए रखने की शर्त रखी, जिससे बातचीत पूरी तरह विफल हो गई। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मादुरो से फोन पर बातचीत करने की बात तो मान ली,लेकिन विस्तार से कोई खुलासा नहीं किया। इसके बाद,अमेरिका ने वेनेजुएला (US Venezuela Military Threat) का हवाई क्षेत्र बंद करने की चेतावनी जारी की (Venezuela Airspace Closure), जो नशीली दवाओं के संकट और सैन्य तैनाती बढ़ाने के आरोपों के बीच आया।

अभी देश छोड़ना होगा: ट्रंप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने 16 नवंबर के अंत में मादुरो से फोन पर साफ-साफ कहा, "तुम खुद को और अपने करीबियों को बचा सकते हो, लेकिन अभी देश छोड़ना होगा।" अमेरिका ने मादुरो, उनकी पत्नी सिलिया फ्लोर्स और बेटे के लिए सुरक्षित जगह पर चले जाने का रास्ता सुझाया, जो उनके कई शीर्ष सहयोगियों पर भी लागू होता है, लेकिन कराकास ने इन शर्तों को साफ तौर पर स्वीकार करने से इनकार कर दिया, इस वजह से सारी वार्ता बेनतीजा हो गई।

'न अच्छा, न बुरा': ट्रंप की रहस्यमयी टिप्पणी

ट्रंप ने रविवार को पत्रकारों से कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि बातचीत अच्छी रही या बुरी।" यह बयान तब आया जब उन्होंने वेनेजुएला के हवाई क्षेत्र को "पूरी तरह बंद" करने की धमकी दी। यह घोषणा विफल बातचीत के कुछ घंटों बाद हुई, जब अमेरिका ने कैरिबियन क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा दी। इससे वेनेजुएला के साथ अमेरिका का तनावपूर्ण रिश्ता और विवादित हो गया।

मादुरो और उनके प्रमुख लोगों पर अब तक का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दोनों के बीच यह बातचीत तब रुक गई, जब मादुरो ने दो मुख्य मांगें रखीं – खुद और अपने साथियों के लिए वैश्विक माफी, और स्वतंत्र चुनावों के बावजूद वेनेजुएला की सेना पर अपना कंट्रोल कायम रखना। वाशिंगटन ने दोनों मांगों को सिरे से खारिज कर दिया और इसके जवाब में मादुरो से तत्काल सत्ता त्यागने की मांग की। इसके बाद मादुरो सरकार ने आगे बातचीत की कोशिश की, लेकिन अमेरिका की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। वेनेजुएला की सेना और ड्रग कार्टेल नेटवर्क से जुड़े एक रक्षा विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि मादुरो और उनके प्रमुख लोगों पर अब तक का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

विफल वार्ता के बाद ट्रंप का दबाव: सैन्य अभियान और हवाई क्षेत्र पर सख्ती

इस नाकामी के बाद ट्रंप ने वेनेजुएला पर दबाव चरम पर पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य कार्रवाई "बहुत जल्द" शुरू हो सकती है और सभी विमानों को वेनेजुएला के हवाई क्षेत्र से दूर रहने का आदेश दिया। इधर फ्लाइट राडार 24 के नक्शे से साफ तौर पर दिखा कि देश के ऊपर से कोई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट नहीं उड़ रही है। उधर अरूबा और कुराकाओ जाने वाली उड़ानें लंबे रास्ते अपना रही हैं, जबकि अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन की "बढ़ी सैन्य गतिविधि" वाली चेतावनी के बाद प्रमुख एयरलाइंस ने अपनी सेवाएं रोक दी हैं। जवाब में वेनेजुएला ने कई विदेशी एयरलाइंस के परिचालन लाइसेंस रद्द कर दिए और अमेरिका पर "औपनिवेशिक हमला" करने का आरोप लगाया।

वेनेजुएला पर अमेरिका के ड्रग संकट को हवा देने का आरोप

अमेरिकी सीनेटर डेव मैककॉर्मिक ने बचाव करते हुए कहा, "हमारे सामने फेंटेनाइल, ओपिओइड्स और कोकीन के माध्यम से एक युद्ध चल रहा है।" उन्होंने वेनेजुएला पर अमेरिका के ड्रग संकट को हवा देने का इल्जाम लगाया, जिससे "पिछले साल 1 लाख अमेरिकियों की मौत हुई।" प्रशासन ने कैरिबियन में संदिग्ध ड्रग नावों पर समुद्री हमले तेज कर दिए हैं, जिन्हें आलोचक "न्यायेतर हत्या" बता रहे हैं।

अमेरिका ने सद्दाम हुसैन के साथ क्या किया था ?

अमेरिका ने 2003 के इराक हमले से ठीक पहले सद्दाम हुसैन पर बड़ा इल्ज़ाम लगाया था कि उनके पास बड़े पैमाने पर सामूहिक विनाश के हथियार (WMD) हैं, जिनमें परमाणु बम बनाने की सामग्री भी शामिल थी। खास तौर पर यह दावा किया गया था कि सद्दाम नाइजीरिया से येलोकेक यूरेनियम खरीद रहे थे, हालांकि यह खुफिया रिपोर्ट बाद में पूरी तरह झूठी और जाली साबित हुई। सद्दाम ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था, लेकिन अमेरिका ने युद्ध शुरू कर दिया। इराक पर कब्ज़े के बाद सद्दाम नौ महीने तक भूमिगत रहे। आखिरकार वे 13 दिसंबर 2003 को टिकरित शहर के पास अद-दौर नाम के गांव में एक खेत के नीचे बने छोटे से गड्ढे में छिपे मिले। अमेरिकी फौज के ऑपरेशन रेड डॉन में उन्हें पकड़ा गया। गिरफ्तारी के बाद अमेरिका ने सद्दाम को इराकी स्पेशल ट्रिब्यूनल के हवाले कर दिया, जहां उन पर कुर्दों के नरसंहार, शिया विद्रोह दबाने में हज़ारों लोगों की हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के मुकदमे चले। वहीं उन्हें फांसी दे दी गई।