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जहां 9 महीने फंसी रही Sunita Williams, वहां के लिए एक अमेरिकन के साथ दो रशियन एस्ट्रोनोट हुए रवाना

जहां 9 महीने फंसी रही Sunita Williams, वहां के लिए एक अमेरिकन के साथ दो रशियन एस्ट्रोनोट हुए रवाना

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भारत

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Anish Shekhar

Apr 08, 2025

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS), जहां भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनिता विलियम्स 9 महीने तक अनपेक्षित रूप से फंसी रही थीं, एक बार फिर चर्चा में है। मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 को NASA के अंतरिक्ष यात्री जॉनी किम और उनके दो रूसी सहयोगी, सर्गेई रायझिकोव और अलेक्सी जुब्रिट्स्की, इस अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए। यह तिकड़ी रूस के सोयुज MS-27 अंतरिक्ष यान में सवार होकर कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से सफलतापूर्वक लॉन्च हुई, जो रूस द्वारा संचालित एक लॉन्च सुविधा है। निर्धारित समय पर सोयुज बूस्टर रॉकेट ने उड़ान भरी और तीन घंटे से कुछ अधिक समय बाद यह अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने के लिए तैयार है।

अंतरिक्ष स्टेशन के लिए आठ महीने की यात्रा

जॉनी किम, सर्गेई रायझिकोव और अलेक्सी जुब्रिट्स्की इस मिशन के तहत अंतरिक्ष स्टेशन पर लगभग आठ महीने बिताएंगे। NASA के अनुसार, लॉस एंजिल्स के मूल निवासी जॉनी किम, जो अमेरिकी नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर और दोहरे designation वाले नौसेना उड्डयन और फ्लाइट सर्जन हैं, इस दौरान वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी प्रदर्शन करेंगे। ये प्रयोग भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए चालक दल को तैयार करने और पृथ्वी पर लोगों के लिए लाभकारी परिणाम देने में मदद करेंगे। यह मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग का एक और उदाहरण है, जिसमें अमेरिका और रूस मिलकर अंतरिक्ष अन्वेषण को आगे बढ़ा रहे हैं।

ISS पर मौजूदा चालक दल के साथ जुड़ेंगे

सोयुज MS-27 के सफलतापूर्वक स्टेशन से जुड़ने के बाद, यह तिकड़ी वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शामिल हो जाएगी। इनमें NASA के अंतरिक्ष यात्री डॉन पेटिट, ऐनी मैकक्लेन और निकोल आयर्स, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के अंतरिक्ष यात्री तकुया ओनिशी, और रूसी कॉस्मोनॉट्स अलेक्सी ओवचिनिन, इवान वैगनर और किरिल पेस्कोव शामिल हैं। यह चालक दल मिलकर अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न वैज्ञानिक परियोजनाओं को अंजाम देगा, जो मानवता के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान के नए द्वार खोलेगा।

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जब फंस गई थी सुनिता विलियम्स

अंतरिक्ष स्टेशन का यह मिशन उस घटना को भी याद दिलाता है, जब सुनिता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मर बोइंग स्टारलाइनर के परीक्षण मिशन के दौरान तकनीकी खराबी के कारण जून 2024 से मार्च 2025 तक ISS पर फंसे रहे। उनकी वापसी SpaceX के क्रू ड्रैगन के जरिए हुई थी। अब जॉनी किम और उनके रूसी साथियों का यह मिशन उस स्टेशन पर नई ऊर्जा और उद्देश्य लेकर पहुंच रहा है, जहां सुनिता ने अपने लंबे प्रवास के दौरान इतिहास रचा था।

अंतरिक्ष में एक नया अध्याय

सोयुज MS-27 का यह लॉन्च न केवल तकनीकी सफलता का प्रतीक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मानव की अंतरिक्ष खोज की असीम संभावनाओं को भी रेखांकित करता है। आठ महीने के इस मिशन में जॉनी किम और उनके साथी नई वैज्ञानिक खोजों के साथ पृथ्वी पर लौटेंगे, जो भविष्य के मंगल और चंद्र मिशनों के लिए आधार तैयार करेगा। यह यात्रा एक बार फिर साबित करती है कि अंतरिक्ष की सीमाएं मानवता के संकल्प के आगे छोटी पड़ जाती हैं।