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ब्रिटेन में भी बनेगा आधार जैसा ID कार्ड, पीएम स्टार्मर ने भारत से लिया आइडिया

Digital ID: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भारत यात्रा पर मुंबई पहुंचे और आधार से प्रेरित डिजिटल पहचान प्रणाली पर नंदन नीलेकणि से चर्चा की।

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भारत

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MI Zahir

Oct 09, 2025

Indian Prime Minister Narendra Modi with British PM Keir Starmer

Indian Prime Minister Narendra Modi with British PM Keir Starmer (Photo - PM Modi's social media)

Digital ID: भारत की तरह ब्रिटेन में भी डिजिटल पहचान पत्र (Digital ID) बनाया जा सकता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर(Keir Starmer) का मानना है कि भारत का आधार मॉडल उनकी योजना के लिए एक बड़ा उदाहरण है। हाल ही में भारत दौरे पर मुंबई पहुंचे स्टार्मर की पहली मुलाकात इंफोसिस के सह-संस्थापक और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि( Nandan Nilekani) से हुई। इस मुलाकात का मकसद था भारत के आधार प्रणाली से प्रेरणा लेकर ब्रिटेन में डिजिटल पहचान पत्र शुरू करने की योजना पर चर्चा करना। ध्यान रहे कि पिछले महीने स्टार्मर ने ऐलान किया था कि ब्रिटेन के नागरिकों और स्थायी निवासियों (UK India Relations) को नौकरी पाने के लिए डिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य होगा। उनका कहना है कि यह प्रणाली अवैध आव्रजन को रोकने और भूमिगत अर्थव्यवस्था में काम को मुश्किल करने में मदद करेगी। इसके अलावा, यह स्वास्थ्य सेवाओं, कल्याण योजनाओं और बच्चों की देखभाल जैसी सुविधाओं तक पहुंच को आसान बनाएगी। स्टार्मर ने कहा, “बिना डिजिटल पहचान पत्र के ब्रिटेन में नौकरी नहीं मिलेगी। यह बहुत आसान है।”

ब्रिटेन में विरोध हो रहा

हालांकि, ब्रिटेन में इस योजना का भारी विरोध हो रहा है। सभी विपक्षी दल इसके खिलाफ हैं। उनका कहना है कि डिजिटल पहचान पत्र निजता पर हमला है और व्यक्तिगत जानकारी को खतरे में डाल सकता है। लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम बेल के अनुसार, ब्रिटेन में लोग पारंपरिक रूप से ‘कागजात दिखाओ’ जैसे समाज के खिलाफ रहे हैं। फिर भी, वे मानते हैं कि डिजिटल पहचान पत्र सरकारी और निजी सेवाओं तक पहुंच को आसान बना सकता है।

हम भारत से सीखना चाहते हैं : स्टार्मर

मुंबई पहुंचने से पहले स्टार्मर ने कहा था, “भारत में आधार प्रणाली को भारी सफलता मिली है। हम वहां से सीखना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल पहचान के फायदे, जैसे बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने या अन्य सेवाओं के लिए कागजात जुटाने की परेशानी को कम करना, लोगों को समझाने की जरूरत है। स्टार्मर के प्रवक्ता ने साफ किया कि यह योजना इंफोसिस के साथ किसी व्यावसायिक समझौते से जुड़ी नहीं है, और ब्रिटेन अपनी खुद की प्रणाली बनाएगा। साथ ही, अभी बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करने की कोई योजना नहीं है।

टोनी ब्लेयर ने बायोमेट्रिक पहचान पत्र शुरू करने की कोशिश की थी

बहरहाल द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ब्रिटेन में आम लोगों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य नहीं रहा। पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने बायोमेट्रिक पहचान पत्र शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन जनता और संसद के विरोध के कारण वह योजना नाकाम रही। अब स्टार्मर की इस नई योजना को भी ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।