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ग्रीन कार्ड धारकों के लिए अमेरिकी नागरिकता की राह हुई मुश्किल, नया आदेश जारी होने के बाद और कड़े हुए नियम

अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों के लिए नागरिकता प्राप्त करना अब और मुश्किल हो गया है। यूएससीआईएस ने नए आदेश में अधिकारियों को नागरिकता देने से पहले आवेदकों के चरित्र की गहराई से जांच करने का निर्देश दिया है। इससे ग्रीन कार्ड धारकों को नागरिकता पाने में अधिक समय लग सकता है

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भारत

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Mukul Kumar

Aug 21, 2025

Trump 50 Percent Tariff

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (Image: IANS)

ग्रीन कार्ड धारकों के लिए अमेरिका में नागरिकता की राह और मुश्किल हो गई है। नागरिकता और ग्रीन कार्ड के मामले देखने वाली एजेंसी यूएससीआइएस ने नया आदेश जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि अब अधिकारियों को नागरिकता देने से पहले आवेदकों के अच्छे चरित्र की जांच पहले से ज्यादा गहराई से करनी होगी।

अभी ऐसा है कि ग्रीन कार्ड धारक 3 या 5 साल बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्हें अंग्रेजी और अच्छे नागरिक होने का टेस्ट देना होता है। यह भी साबित करना होता है कि उन्होंने कोई बड़ा अपराध नहीं किया है। अब सिर्फ इससे काम नहीं चलेगा।

अधिकारी अब यह भी जांच करेंगे कि वह व्यक्ति समाज में सकारात्मक योगदान देता है या नहीं। इसमें सामुदायिक सेवा, बच्चों या बुजुर्गों की देखभाल, पढ़ाई, नौकरी, टैक्स भरना और लंबे समय से अमरीका में रहना- जैसी बातें शामिल हैं।

व्यवहार गलत तो आएगी परेशानी

ऐसे व्यवहार पर भी नजर रखी जाएगी, जो अपराध तो नहीं है लेकिन समाज में गलत माना जाता है। जैसे- बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ना या आक्रामक तरीके से लोगों को परेशान करना। अगर किसी ने गलती की है तो उसका सुधार और सुधार की कोशिश भी ध्यान में रखी जाएगी।

मस्क ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने की योजना रोकी

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर फिलहाल विराम लगा दिया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, मस्क ने जुलाई में 'अमरीका पार्टी' नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी, जिसने अमरीका की राजनीति में हलचल मचा दी थी लेकिन अब उन्होंने इस योजना को रोक दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क, रिपब्लिकन नेता जे. डी. वेंस को समर्थन देने की योजना बना रहे हैं, यदि वह डॉनल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनते हैं। मस्क ने पहले कहा था कि जनता नए राजनीतिक दल की चाहत रखती है और वे इसे पूरा करेंगे, लेकिन अब उन्होंने वेंस के साथ संबंधों को ध्यान में रखते हुए रुख बदला है।

ट्रंप से मतभेद, रिपब्लिकनों में चिंता

मस्क ने ट्रंप के पुनर्निर्वाचन अभियान में सैकड़ों मिलियन डॉलर खर्च किए थे और उनके प्रशासन के तहत सरकारी खर्च घटाने की पहल का नेतृत्व किया था। लेकिन हाल में दोनों के बीच बिल को लेकर मतभेद सामने आए।

ट्रंप ने तो यहां तक धमकी दी कि मस्क की कंपनियों को मिलने वाली अरबों डॉलर की संघीय सब्सिडी रोक दी जाएगी। रिपब्लिकन पार्टी को चिंता है कि मस्क और ट्रंप के बीच जारी टकराव उनकी 2026 के मध्यावधि चुनावों में बहुमत बनाए रखने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।