5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तालिबान के दोस्तों को खोज रहा अमरीका, पाकिस्तान पर भी लगाया जा सकता है प्रतिबंध

इस बिल में मांग की गई है कि अफगानिस्तान के तालिबान में नियंत्रण से पहले और बाद में पाकिस्तान की भूमिका की जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही पंजशीर घाटी में तालिबान के हमले को लेकर भी पाकिस्तान की जांच कराने की बात कही जा रही है।  

2 min read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Sep 30, 2021

pakistan.jpg

Imran New Pakistan In Pandora Paper

नई दिल्ली।

अफगानिस्तान में अमरीका के आतंकवाद निरोधी अभियान और उसकी जवाबदेही को लेकर अमरीकी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के 22 सीनेटरों ने एक बिल पेश किया है। सीनेटर जिम रिश की अध्यक्षता में अफगानिस्तान आतंकवाद निरोधी, निगरानी और जवाबदेही अधिनियम पेश किया गया है।

दरअसल, जिम रिश सीनेट फॉरेन रिलेंशंस कमेटी के शीर्ष सदस्य हैं और वही इस बिल को प्रस्तुत कर रहे हैं। हालांकि, यह बिल बिडेन प्रशासन से अफगानिस्तान से अमरीकी सेना को तेजी से निकालने के फैसले पर जवाब मांग रहा है। साथ ही, पाकिस्तान की अफगानिस्तान मेे भूमिका भी जांच कराने की तैयारी हो रही है।

यह भी पढ़ें:- पूर्व विदेश मंत्री फुमियो किशीडा होंगे जापान के नए प्रधानमंत्री, योशिहिदे सुगा छोड़ेगे पद

इस बिल में मांग की गई है कि अफगानिस्तान के तालिबान में नियंत्रण से पहले और बाद में पाकिस्तान की भूमिका की जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही पंजशीर घाटी में तालिबान के हमले को लेकर भी पाकिस्तान की जांच कराने की बात कही जा रही है।

बहरहाल, पाकिस्तान ने इस बिल पर सख्त ऐतराज जताया है। पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी के अनुसार, पाकिस्तान को एक बार फिर आतंक के खिलाफ युद्ध में अमरीका का साथ देने की कीमत चुकानी होगी। दूसरी ओर, इस बिल में मांग की गई है कि अफगानिस्तान में अमरीका के 20 साल लंबे अभियान के दौरान तालिबान का किसने समर्थन किया। अगस्त के मध्य में काबुल पर नियंत्रण करने में किसने मदद की। साथ ही, पंजशीर घाटी में हमला करने पर किसने तालिबान का समर्थन किया। इन सभी मुद्दों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

यह भी पढ़ें:- डोनाल्ड ट्रम्प की मर्दानगी और अपने साथ बहुत सारी कैंचियां रखने जैसे राज़ खोले उनकी पूर्व सेक्रेटरी ने अपनी किताब में

साथ ही, इसमें वह पहली रिपोर्ट शामिल करने के लिए कहा गया है जो पाकिस्तान सरकार समेत स्टेट और नॉन स्टेट एक्टर्स के समर्थन का आकलन करे, जिसने वर्ष 2001 से वर्ष 2020 के बीच तालिबान का समर्थन किया। यह रिपोर्ट संबंधित समितियों के पास तक इस बिल के कानून बनने से कम से कम 180 दिनों तक और ज्यादा से ज्यादा एक साल के भीतर देने को कहा गया है।