
USA returned 297 heritage items to India PM Modi Thanked Joe Biden
PM Modi US Visit: भारत से तस्करी कर बाहर ले जाई गईं प्राचीन बेशकीमती धरोहरें अब अमेरिका ने लौटा दी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पीएम मोदी को ये 297 प्राचीन वस्तुएं सौंपी हैं। इस तरह 2014 से भारत की बरामद की गई कुल प्राचीन वस्तुओं की संख्या 640 हो गई है। अकेले अमेरिका ने 578 वस्तुएं वापस की हैं। इस उपलब्धि को भारत के अपनी सांस्कृतिक विरासत को कायम रखने के तौर पर देखा जा रहा है। 2021 में अमेरिकी सरकार ने 157 पुरावशेष सौंपे थे। जिनमें 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत को सौंपी गई 297 कलाकृतियों और प्राचीन वस्तुओं में 4000 साल पुरानी यानी ईसा पूर्व 2000 से 1900 ईसवी तक की वस्तुएं शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से जैन तीर्थंकरों, भगवान कृष्ण, बुद्ध और कार्तिकेय की मूर्तियां हैं। ये कलाकृतियां चोरी और तस्करी कर अमेरिका ले जाई गई थीं। इनमें से ज्यादातर पुरावशेष पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियां हैं, जबकि दूसरी स्तुएं पत्थर, धातु, लकड़ी और हाथी दांत से बनी हैं और देश के विभिन्न भागों से संबंधित हैं।
इससे पहले 2023 में पीएम की अमेरिका यात्रा के कुछ दिनों बाद 105 पुरावशेष भारत को लौटाए गए। भारत सरकार का यह अभियान अमेरिका के अलावा कई देशों तक फैला हुआ है। जिसमें 16 कलाकृतियां ब्रिटेन से, 40 ऑस्ट्रेलिया से और अन्य जगहों से वापस की गई हैं। वहीं 2004-2013 के बीच भारत को केवल एक कलाकृति वापस की गई थी। इसके अलावा, जुलाई 2024 में, नई दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के दौरान भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए पहले 'सांस्कृतिक संपत्ति समझौते' पर हस्ताक्षर किए थे।
सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी एक पुराना मुद्दा है, जिसने कई संस्कृतियों और देशों को प्रभावित किया है। भारत इस मुद्दे से विशेष रूप से प्रभावित हुआ है और देश से बड़ी संख्या में प्राचीन वस्तुओं की तस्करी की गई।
ऐसे में यह शानदार उपलब्धि भारत के चुराए गए खजाने को प्राप्त करने और भावी पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के संकल्प को दर्शाती है। वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत संबंधों की वजह से ये काफी हद तक मुमकिन हुआ है। ये भारत के लिए हर्ष का विषय है कि उसकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी प्रतिष्ठित मूर्तियों और महत्वपूर्ण कलाकृतियों की वापसी हो रही है।
Updated on:
23 Sept 2024 09:43 am
Published on:
22 Sept 2024 03:06 pm
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