
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और बाग्लादेश के विदेश विदेश सलाहकार एम तौहीद हुसैन। (फोटो- IANS)
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार इस वक्त बांग्लादेश के दौरे पर हैं। उन्होंने रविवार को ढाका में अपने समकक्ष व बाग्लादेश के विदेश विदेश सलाहकार एम तौहीद हुसैन के साथ बैठक की। इस दौरान, डार ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसको लेकर तौहीद हुसैन बिदक गए। उन्होंने तुरंत कह दिया कि यह गलत बात है।
दरअसल, इस बैठक के बीच 1971 के नरसंहार का मामला छिड़ा, जिसको लेकर बाद में युद्ध हुआ और भारत के सहयोग से बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग होकर एक मुल्क बना।
इसपर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दावा किया कि 1971 के मामले को दो बार सुलझाया गया है। पहली बार 1974 में, जब भारत में नई दिल्ली की भागीदारी वाली त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी।
डार ने आगे कहा कि बाद में तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भी ढाका यात्रा के दौरान सार्वजनिक रूप से बातचीत करके नरसंहार के मुद्दे को फिर से सुलझाया था।
हुसैन ने इस दावे पर तुरंत असहमती जताई। इसका खंडन करते हुए कहा कि यह गलत बात है। 54 सालों की समस्याओं का एक दिन में समाधान होने की उम्मीद करना गलत है। मैं डार की बात से सहमत नहीं हूं। अगर ऐसा होता, तो समस्याएं हल हो जातीं। तब हमने अपनी स्थिति स्पष्ट की और पाकिस्तानी पक्ष ने अपनी बात रखी थी।
बता दें कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध पहले कभी भी ठीक नहीं रहे हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते हुए भी पाकिस्तान का बांग्लादेश के साथ तालमेल नहीं बैठ पाई।
पिछले साल अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक हंगामे के बाद हसीना को पद से हटा दिया गया और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार बनी।
अब पाकिस्तान फिर से बांग्लादेश के साथ संबंधों को ठीक करने में जुटा है। इस बीच, दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि तनाव को कम करने के लिए ऐतिहासिक मुद्दों का समाधान महत्वपूर्ण है।
बांग्लादेश ने बैठक में इशाक डार के सामने 1971 के युद्ध के लिए माफी मांगने सहित कुछ अन्य बड़े मुद्दों को उठाया। हुसैन ने कहा कि हमने 1971 युद्ध के लिए पाकिस्तान को माफी मांगने के लिए कहा है। पाकिस्तान से सभी अनसुलझे मुद्दों को सुलझाने की बात कही है।
Published on:
25 Aug 2025 09:52 am
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